Search

June 27, 2025 4:32 am

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक छात्रों के लिए होगा काला कानून: विद्यार्थी परिषद

राजकुमार भगत

पाकुड़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा नगर के योग भवन में प्रेस वार्ता आयोजित किया।प्रेस वार्ता में जिला संयोजक गुंजन तिवारी ने वर्तमान हेमंत सरकार के द्वारा झारखण्ड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक द्वारा पारित विधेयक के संबंध में कहा कि यह विधेयक अंग्रेजी हुकूमत की रॉलेट एक्ट के भाती ही काला कानून है। इस विधेयक में खामी यह है कि , इसमें प्रारंभिक जांच के बिना ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है उस पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। जबकि इसी प्राथमिकी के आधार पर परीक्षार्थी को परीक्षाओं से वंचित करने का भी प्रावधान है।
सिर्फ चार्टसीट हो जाने के आधार पर किसी परीक्षार्थी को परीक्षा देने से वंचितकर देना गैरकानूनी है।
भारतीय संविधान कहता है कि दोष सिद्ध ना हो जाने तक कोई व्यक्ति दोषी नहीं माना जा सकता है जबकि विधेयक के अनुसार सिर्फ आरोप लगने पर ही प्रतियोगियों को परीक्षा देने से वंचित कर देने का प्रावधान है।
जांच चलने तक उसे परीक्षा में शामिल ना देने का आदेश देना एक काला कानून है । दूसरी बात यह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उम्र की एक तय सीमा होती है, जांच के दौरान अगर अधिक वर्ष लग जाता है तो परीक्षार्थी का जीवन ऐसे ही निष्फल हो जाता है, और अगर जांच के बाद वह अपराध साबित नहीं होता है तो भी उसका जीवन बर्बाद हो चुका होता है ।जांच और अन्वेषण की आवश्यकता ना होना , इस विधयेक को भी गैर संवैधानिक बनाता है।
प्रेस वार्ता में उपस्थित नगर मंत्री प्रदीप मिश्रा नगर सह मंत्री रॉकी रविदास प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुमित पांडे ने बताया कि ऐसे छात्र विरोधी विधियों का विद्यार्थी परिषद पुरजोर तरीके से विरोध करेंगी।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर