विभाग हमें वापस नहीं ली तो समाहरणालय के समक्ष करेंगे भूख हड़ताल: हीरा
सतनाम सिंह
पाकुड़: पाकुड़ के तीन रिसोर्स शिक्षिका को बिना कुछ नोटिस दिए ही जबरन कार्य से मुक्त किया गया है।फिलहाल तीनों रिसोर्स शिक्षिका अपने नौकरी को वापस लेने के लिए डीएम से लेकर सीएम की दरवाजा खटखटा रही है। लेकिन उनको कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। तीनों महिलाओं में एक विकलांग के बावजूद तीनों हाईकोर्ट के चक्कर भी काटे हैं फलस्वरुप उनकी कहीं नहीं सुनी जा रही है। अंत में महिलाओं ने प्रेस मीडिया की सहायता लेने की नीयत से पाकुड़ प्रेस क्लब पहुंच पत्रकारों को सारी आपबीती सुनाई। निष्कासित रिसोर्स शिक्षिका हीरा मराण्डी ने पत्रकारों को बताया कि रिसोर्स शिक्षिका के पद पर मृदुशीला मुरमू, सुनिता हेम्ब्रम व खुद हीरा मराण्डी सर्व शिक्षा अभियान पाकुड़ के कार्यालय में योगदान किये थे।योगदान से लेकर कार्यकाल के दौरान सुनिता हेम्ब्रम को 6 दिसम्बर 2015, हीरा मराण्डी एवं मृदुशीला मुरमू को 4 नवम्बर 2019 को अचानक विभाग द्वारा मनमानी तरीके से बहाना पत्र बनाकर हमें जबरन कार्य से मुक्त कर दिया है। हमें राज्य परियोजना निदेशक, राँची का कार्य से मुक्त करने का कोई आदेश पत्र नहीं मिला था. जिला शिक्षा पदाधिकारी पाकुड़ से भी हमे मौखिक मांग करने पर राज्य परियोजना निदेशक का पत्र अभी तक हमे उपलब्ध नहीं कराया गया है।हाल में जून 2023 में आरसीआई नई दिल्ली ने झारखण्ड के अलावा अन्य राज्यों में जिनका आरसीआई प्रमाण पत्र नहीं था लगभग 1000 विद्यार्थीयो का फिर से परीक्षा लेकर आरसीआई प्रमाण पत्र देने का फैसला लिया जबकि झारखण्ड के अन्य जिलों में आरसीआई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद भी ना ही कार्य से मुक्त किया गया ना ही मानदेय को रोका गया।बल्कि राज्य परियोजना निदेशक राँची के द्वारा यही आश्वासन दिया गया कि काम करते रहो. आरसीआई प्रमाण पत्र मिलेगा तो जमा कर देना। इस संबंध में हम पाकुड़ के आरटी राज्य स्तरीय पदाधिकारी के पत्र या मौखिक टेलीफोन पर कहने के बावजूद भी कार्य में वापस जिला शिक्षा पदाधिकारी पाकुड़ ने नहीं लिया।जबकि झारखण्ड के अन्य जिलों में भी आरसीआई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजुद भी कार्यरत एवं मानदेय प्राप्त करते है।आरसीआई प्रमाण पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी पाकुड़ को समर्पित करने के बावजुद भी हमे आज तक वापस कार्य में नहीं बुलाया जा रहा है। बल्कि एपीओ एमलीन सुरीन का आश्वासन यही रहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी पाकुड़ और उपायुक्त महोदय, पाकुड़ के समक्ष बैठक कर आपलोगों का बहाली को रद्द किया जा चुका है।जब अगला विज्ञापन आयेगा उसमें आपलोगो की बहाली होगी। बता दें कि वर्तमान में हीरा मराण्डी, मृदुशीला मुरमू एवं सुनिता हेम्ब्रम अपने पुरे प्रमाण और सबूत के साथ आर्थिक और मानसिक परिस्थिति को झेल रही है।तीनों ने समग्र शिक्षा अभियान पाकुड़ और झारखण्ड सरकार से आग्रह किया है कि झारखण्ड के अन्य जिलो के समान ही हम सभी आरटी को जिला शिक्षा पदाधिकारी पाकुड़ के द्वारा लिखित पत्र जारी करते हुए बैठाने से लेकर वापस योगदान करने तक का मानदेय सहित कार्य में 24 घंटा के अन्दर अपने ही प्रखण्ड में वापस लिया जाय। जिस तरह कार्य मुक्त कराने का पत्र एक घंटा के अन्दर बना है उसी तरह 24 घंटा के अन्दर वापस लिया जाय, वरना समग्र शिक्षा अभियान पाकुड़ के विरुद्ध समाहरणालय पाकुड़ के बाहर अनिश्चित भुख हड़ताल करने के लिए बाध्य होगें।इसके बावजूद भी समग्र शिक्षा अभियान पाकुड़ नहीं जागती है तो हम एसटी कोटा के तहत मनमानी एवं जबरन कार्य से मुक्त करने का केस करेगें। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी से बात करने पर कहा कि जब उनकी बहाली हो रही थी तब उनसे आरसीआई से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट मांगी जा रही थी। सभी को 1 साल के भीतर सर्टिफिकेट जमा करने का अल्टीमेटम भी दी गई थी लेकिन उनके द्वारा जमा नहीं किया गया था।जिनको विभाग के आदेश पर ही कार्य मुक्त किया गया है। अगर विभाग द्वारा फिर से कोई सकारात्मक नई चिट्टियां आती है। तो उनको बारे में कुछ सोचा जाएगा। रही बात सेवा की तो इसकी जानकारी हमें नहीं थी हम इसकी जांच कर रहे हैं।