किसानों के हक़ और नहर पर अतिक्रमण को लेकर सुरेश अग्रवाल ने पाकुड़ प्रशासन पर लगाया निष्क्रियता का आरोप।
पाकुड़, किसानों के अधिकारों और नहरों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर पाकुड़ के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल ने झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन जानबूझकर अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं कर रहा और किसी वरीय राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है।
नहर पर कब्जे से किसानों का सिंचाई हक छिना।
याचिका में कहा गया है कि पाकुड़ के चाँचकी पंचायत से चांदपुर बॉर्डर तक नहर की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। यह नहर किसानों की सिंचाई की जीवनरेखा है, लेकिन अवैध निर्माणों के कारण किसानों को फसल की सिंचाई में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुरेश अग्रवाल ने यह भी बताया कि अतिक्रमण करने वालों में कई लोग झारखंड राज्य के निवासी तक नहीं हैं।
मुख्य सड़क किनारे अवैध निर्माणों से यातायात बाधित।
याचिका में यह भी उल्लेख है कि नहरों के अलावा मुख्य सड़क के दोनों ओर भी अवैध मकान और दुकानों का निर्माण तेजी से हुआ है। इससे यातायात व्यवस्था बिगड़ गई है और शहर का सुनियोजित विकास प्रभावित हो रहा है।
प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप।
सामाजिक कार्यकर्ता अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस गंभीर मामले की जानकारी व्हाट्सएप, प्रिंट मीडिया और अन्य माध्यमों से कई बार जिला प्रशासन को दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सीधे तौर पर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी पर इच्छुक होने के बावजूद राजनीतिक दबाव में निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया है।
अब अदालत की नज़र।
झारखंड उच्च न्यायालय में यह मामला दर्ज होने के बाद अब सबकी निगाहें अदालत की कार्यवाही पर टिकी हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल ने कहा कि किसानों के हक़ और सार्वजनिक भूमि की रक्षा के लिए न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना मेरी मजबूरी बन गई थी।
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