राजकुमार भगत
पाकुड़। हिंदू मान्यता है कि खरमास महीने में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं । बाकी सब अपने अपने मन और विचार भिन्न हो सकते हैं। अगर पंजिका की माने तो 16 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो चुका है जो 13 जनवरी तक जारी रहेगा इस 1 महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है। खरमास में शुभ कार्य से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। क्या होता है खरमास
जब सूर्य मीन राशि में गोचर करता है तब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस अवस्था में खरमास लगता है । इसे मलमास के भी नाम से जाना जाता है ।इस दौरान सारे मांगलिक कार्य बंद रहते हैं ।इस वर्ष 16 दिसंबर से ही खरमास लग चुका है।
मकर संक्रांति के दिन खरमास होगा समापन
खरमास पूरे 1 महीने का होता है। नए वर्ष में14 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास का प्रभाव स्वता समाप्त होगा। सारे शुभ कार्य पुनः प्रारंभ हो जाएंगे। खरमास में क्या करें क्या नहीं
हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार खरमास महीने को अशुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान कोई भी नए कार्य का शुभारंभ नहीं करना चाहिए, ना नए कार्य के लिए निवेश करना चाहिए। शादी विवाह , सगाई ,मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार , आदि नहीं करना चाहिए। इस दौरान घर में आई बहू या बेटी की विदाई भी नहीं करनी चाहिए। जमीन जायदाद वाहन नहीं खरीदना चाहिए।इसके फल अशुभ होते हैं। खरमास के दौरान घर के किसी बड़े बुजुर्ग की अपमान करने से सूर्य और गुरु ग्रह के बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। अतः इस महीने में बड़े बुजुर्गों की पूरी मान सम्मान करें। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है और इसका प्रभाव जातकों पर पड़ता है। इस दौरान जप तप करने एवं भगवान हरि की कीर्तन करने से तथा दान पुण्य करना लाभदायक माना गया है।