राजकुमार भगत
पाकुड़। बढ़ रहे शीतलहरी व गिरते पारा ने लोगों को ठंड का एहसास करा दिया है। हालांकि दोपहर में स्थिति सामान्य होती है किंतु जैसे-जैसे शाम होती है पारा गिरने के साथ ही ठंड का प्रकोप बढ़ता जाता है। शनिवार को पारा 12 तक पहुंचने का अनुमान है। लोग गर्म वस्त्र का प्रयोग करने लगे हैं तथा ठंड से बचने का पूरा प्रयास कर रहे हैं । बड़े बुजुर्ग ठंड में बाहर निकलना कम कर दिए हैं तथा उन्नत गर्म कपड़े का प्रयोग कर रहे हैं। ठंड गरीबों के लिए थोड़ा मुश्किल भरा दिन होता है। जिनका आशियाना नहीं होते सभी को पता है उनका भगवान ही मालिक होते हैं। कई स्थानों पर रेलवे स्टेशन चौक चौराहे बस स्टैंड आदि पर ठिठुरते लोग मिल जाएंगे। उसके साथ साथ पशुओं को भी इसकी सामना करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर ठंड के प्रकोप को देखते हुए अलाव का व्यवस्था होना चाहिए तथा गरीबों को ठंड से बचाव हेतु कंबल का वितरण करना चाहिए। कई संस्थान एवं समाजसेवी पूर्व में कंबल का वितरण किया है । इसकी आवश्यकता शहरी क्षेत्र में भी महसूस की जा रही है। बढ़ती ठंड के प्रकोप को देखते हुए चौक चौराहों एवं रास्ते के किनारे गर्म कपड़े की दुकानें सज गई है। लोग गर्म कपड़े स्वेटर कंबल आदि क्रय कर रहे हैं। यदि दुकानदार की माने तो उनके अनुसार गर्म कपड़े की बिक्री पिछले वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष कम है । जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी है। आवश्यकता इस बात की है कि नगर परिषद क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए ,साथ साथ गरीबों को गर्म वस्त्र प्रदान करना चाहिए।