प्रशांत मंडल
लिट्टीपाड़ा (पाकुड़ )प्रखंड क्षेत्र में कम बारिश होने के चलते लिट्टीपाड़ा के कुछ भागो मे रोपाई हुआ है,बारिश के कमी के चलते धान के खेतों में दरारें फटनी शुरू हो गई हैं। धान की सूखती फसल को देखकर किसान परेशान हैं। बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। कुछ किसानों ने तो किसी तरह पानी की व्यवस्था करके धान की रोपनी तो कर दी, लेकिन अब फसल पर संकट खड़ा हो गया है।महंगाई की दौर में पंपसेट के सहारे धान की रोपनी व खाद का इंतजाम करने में किसानों की जेब इस कदर ढीली हो गई है कि अब धान की फसल में पानी देना उनके वश में नहीं रह गया है। सूख रही धान की फसल को बचाए रखने के लिए कोई उपाय भी नजर नहीं आ रहा है। नहर में पानी भी नहीं आया, नलकूप बरसों पहले ही धोखा दे चुका है। ऐसे में किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह अपने खेतों की सिंचाई कैसे करें।
किसानों को दिख रहे सूखे के आसार
पिछले वर्ष अच्छी खासी बरसात होने की वजह से धान की पैदावार भी अच्छी हुई थी। लेकिन इस बार मौसम की मार सीधे किसानों पर पड़ रही है। जिस समय मूसलाधार बारिश होनी चाहिए उसी समय सूखे की आसार दिखने लग गया है ।
फसलों को सूखने से बचाना चुनौती
ऐसे में खेतों में काम कर रहे किसान सुषेन मंडल ने बताया कि किसी तरह कर धर के हमने पंपसेट से पानी तो चला कर खेतों में धान की रोपाई कर दिया है, लेकिन जून-जुलाई के महीने में बरसात न होने से सूखे के आसार दिखने लगा है। ऐसे में फसलों को सिंचाई करके बचाना हमारे बस की बात नहीं है।बारिश न होने से किसान परेशान और चिंतित हैं।
बरसात न होने से फसलों की बुवाई नहीं हो पा रही है।खेतों में ही काम कर रही गुलाबी देवी ने बताया कि हम लोग का थोड़ा बहुत खेत है। हल्की फुल्की बरसात हुई तो हम लोगों ने खेतों की रोपाई तो कर दी लेकिन अब खेत सूख रहा है। अगर सूखा पड़ गया तो हम लोगों की दिक्कत काफी बढ़ जाएगी। जो भी मजदूरी से कमाई होगी वह सब अनाज खरीदने और खाने में ही समाप्त हो जाएगी।
