अक्षय कुमार सिंह की रिर्पोट
तुपकाडीह(बोकारो)। झारखंड पब्लिक स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन,झारखंड की बैठक रविवार को तुपकाडीह स्थित किड्स आईलैंड पब्लिक स्कूल में तुलसी महतो की अध्यक्षता में हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्तमान समय में आरटीई को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए पत्र के संबंध में चर्चा एवं आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करना था। इस दौरान संस्था के सचिव सर्वेश कुमार दुबे ने झारखंड सरकार से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास जी द्वारा संशोधित आरटीई अधिनियम 2019 को निरस्त करते हुए केंद्र सरकार के 2009 अधिनियम के अनुरूप झारखंड में संचालित सभी U-DISE प्राप्त स्कूलों को मान्यता देने की मांग की। सचिव दूबे ने बताया की आज न केवल झारखंड की बल्कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था ऐसे ही छोटे छोटे स्कूलों के द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों एवं छोटे शहरों में बेहद ही न्यूनतम शुल्क में दी जा रही है जिससे गरीब, आदिवासी,दलित, पिछड़े,अभिवंचित एवं मध्यम वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने का काम किया जा रहा है और यही वजह है कि आज राज्य की शिक्षा का स्तर पहले की अपेक्षा काफ़ी ऊपर उठा है। श्री दूबे ने इन स्कूलों को अवैध कहे जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा की शराब के अड्डे अवैध हो सकते हैं, जुआ के अड्डे अवैध हो सकते हैं, अन्य गैर कानूनी कार्य अवैध हो सकते हैं किन्तु बच्चों को शिक्षा देना कोई अपराध नहीं है और इस कार्य को कर रहे ये विद्यालय कतई अवैध नहीं हो सकते हैं और सरकार को इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है। उपस्थित संस्था के संयोजक कामदेव महतो ने अपनी बातों को रखते हुए सरकार से संवेदनशीलता दिखाते हुए इन स्कूलों को जमीन की बाध्यता समाप्त करते हुए तत्काल मान्यता देने की बात की और इन स्कूलों में अध्यनरत लाखों गरीब बच्चों के साथ साथ इनमें कार्यरत हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने का आग्रह किया। उपसचिव तुलसी महतो ने सरकार के इस निर्णय को पूरी तरह से निराश करने वाला बताया और इस निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए 2009 से पूर्व संचालित एवं सभी यू- डायस प्राप्त स्कूलों को मान्यता देने की बात कही साथ ही यह भी कहा कि अगर सरकार इस पर उचित पहल नहीं करती है तो आने वाले समय में सभी स्कूलों के द्वारा सड़क से लेकर संसद तक अपनी आवाज बुलंद की जायेगी। इस दौरान बोकारो जिला के दर्जनों विद्यालय के प्राचार्य एवं संचालक मौजूद रहे।