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October 15, 2025 2:17 am

हड़िया बेचने से बकरी पालन तक,फूलो झानो आशीर्वाद अभियान ने बदली सेवेंटी की जिंदगी।

सतनाम सिंह

पाकुड़ जिले के महेशपुर ब्लॉक की अभूवा पंचायत अंतर्गत साहेबराम गांव की निवासी सेवेंटी मुर्मू ने फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के तहत अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ दिया है। पहले हड़िया बेचने को मजबूर सेवेंटी आज बकरी पालन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।

सेवेंटी की कहानी

सेवेंटी मुर्मू पहले नियमित कार्य न मिलने के कारण हड़िया बनाकर बेचती थीं। इस काम के कारण उनके पति भी शराब पीने लगे, जिससे घर में लड़ाई-झगड़ा आम बात हो गई थी। सेवेंटी बताती हैं कि हड़िया बेचकर पैसे तो मिल जाते थे, लेकिन समाज में इज्जत नहीं मिलती थी। शाम में शराब पीने वाले लोगों का सामना करना पड़ता था, जिससे परिवार की शांति धीरे-धीरे खत्म हो रही थी।

फूलो झानो आशीर्वाद अभियान का प्रभाव

झारखंड सरकार के फूलो झानो आशीर्वाद अभियान ने सेवेंटी की जिंदगी बदल दी। इस अभियान के तहत उन्हें 25,000 रुपये की राशि मिली, जिससे उन्होंने 3 बकरियों के साथ अपनी आजीविका की शुरुआत की। आज उनके पास 13 बकरियां हैं। हाल ही में उन्होंने 3 बकरों को बेचकर लगभग 13,000 रुपये कमाए। इसके अलावा, वे थोड़ा सब्जी उत्पादन भी करती हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय 50,000 से 60,000 रुपये तक हो जाती है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

सेवेंटी मुर्मू ने फूलो झानो आशीर्वाद अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि जेएसएलपीएस के आर्थिक सहयोग और नेज के तकनीकी सहयोग से उन्होंने अपनी जिंदगी संवारने का काम किया है। इस अभियान के तहत अब तक 14,000 से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को सशक्त आजीविका से जोड़ा गया है।

अभियान की महत्ता

फूलो झानो आशीर्वाद अभियान न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उन्हें सम्मानजनक आजीविका का साधन भी प्रदान कर रहा है। इस अभियान के तहत महिलाएं हड़िया-दारू का काम छोड़कर बकरी पालन, सब्जी उत्पादन जैसे सम्मानजनक व्यवसाय अपना रही हैं।

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