पाकुड़। जिले में नो एंट्री के आदेश महज़ दिखावा बनकर रह गए हैं। जिला टास्क फोर्स की लाख कोशिशों के बावजूद शहर में नो एंट्री के दौरान भारी वाहनों का परिचालन लगातार जारी है। जगह-जगह तैनात ट्रैफिक पुलिस और प्रशासनिक आदेश होने के बावजूद गिट्टी व मालवाहक गाड़ियां नियमों को ठेंगा दिखाते हुए मुख्य सड़कों पर दौड़ रही हैं।
नियम के मुताबिक सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश शहर में पूरी तरह प्रतिबंधित है। बावजूद इसके हर दिन निर्धारित समय में धड़ल्ले से ट्रक और डंपर शहर में प्रवेश कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे वाहनों की तेज रफ्तार से हर पल दुर्घटना का खतरा बना रहता है। खासकर स्कूली बच्चों और आम राहगीरों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो मामूली वसूली के एवज में वाहनों को नो एंट्री में प्रवेश की इजाजत दी जाती है। लोगों का कहना है कि यही वजह है कि प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है।
