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September 13, 2025 2:30 pm

दुमका बंदोबस्त कार्यालय दुमका बना भ्रष्टाचार का अड्डा*

दुमका:दुमका का बंदोबस्त कार्यालय अक्सर चर्चा मे रहता है । अगर आपको अपना जमीन का पर्चा का नकल चाहिए तो आपको 1500 से 5000 तक खर्च करना पड़ सकता है । समाजसेवी सह RTI activist आशीष पंजियारा ने बंदोबस्त कार्यालय मे चोरकट्टा मौजा का पर्चा का नकल निकालने के लिए 11 अप्रैल 2025 को नकल हेतु आवेदन दिया गया था जिसका नंबर 3494,3495,3496,3497 है।4 महीना 11 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक इनको एस्टीमेट तक नहीं निकाला गया है जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के द्वारा प्राप्त जानकारी मे सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के द्वारा सूचना मे यह बताया गया है कि नकल निकालने हेतु दो नियम है पहला साधारण जिसमें फॉर्म 28 भरकर एक रुपिया का टिकट साटकर देने पर तीन दिन मे देने का नियम है तथा आवश्यक नकल इसमें फॉर्म 28 मे भरकर तीन रुपया का टिकट साटकर फॉर्म भरकर देने से अभिलेख उपस्थित रहने पर 24 घंटा मे देने का नियम है लेकिन 4 माह से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अब तक आशीष पंजियारा को एस्टीमेट भी उपलब्ध नहीं करवाया गया है कई बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी जब इनको नकल नहीं मिला तो इनसे कार्यालय के अभिलेखागार रूम मे कार्यरत कर्मी परमानंद दरबे जो उस दिन रिकॉर्ड रूम मे थे उनके द्वारा नकल निकालने हेतु 4000 का मांग किया गया और कहा गया कि अभी पैसा देने से आपका काम हो जाएगा और तत्काल आप मुझे 300 दीजिए मै आपको स्कैन करवा दूंगा और बाद मै एस्टीमेट भी निकलवा दूंगा उनके द्वारा ये पैसा ऑनलाइन प्रतिमा सेन के खाता मे लिया गया जिसका प्रमाण आशीष पंजियारा के पास मौजूद है और परमानंद दरबे के द्वारा बतलाया गया कि यह पैसा साहनी जी, गुप्ता जी और अन्य कर्मी को दिया जाता है परेशान होकर आशीष पंजियारा ने ऑनलाइन प्रतिमा सेन के खाता मे पैसा भेज दिया गया उसके बाद परमानंद दरबे के द्वारा बतलाया गया कि 4 अगस्त को आपका एस्टीमेट मिल जाएगा और 13 तारिक तक नकल मिल जाएगा लेकिन जब 4 अगस्त सोमवार को जब आशीष पंजियारा बंदोबस्त कार्यालय गए तो पता चला कि परमानंद दरबे नाइट गार्ड मे कार्यरत है आशीष पंजियारा के द्वारा कई बार कॉल किया गया लेकिन उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया आशीष पंजियारा के द्वारा बंदोबस्त कार्यालय मे सभी के पास जाकर गुहार लगाया गया तो साहनी जी (बड़ा बाबू )के द्वारा बतलाया गया कि आपका काम 14 अगस्त को हो जाएगा लेकिन नहीं हुआ थक हार कर आशीष पंजियारा के द्वारा उपायुक्त दुमका से दिनांक 21 अगस्त को गुहार लगाया गया है साथ ही उसका प्रतिलिपि बंदोबस्त पदाधिकारी और आयुक्त दुमका को भी दिया गया है अब देखना दिलचस्प होगा कि आशीष पंजियारा के द्वारा दिए गए आवेदन पर क्या कारवाई होती है । समय पर नकल न देना राइट टू सर्विस एक्ट का खुला उल्लंघन है समय पर नकल न मिलने से दूर दराज से आए ग्रामीण काफी परेशान है जो पैसा देते है उनका नकल जल्द से जल्द निकल जाता है रजिस्टर के अवलोकन से पता चलता है कि मई 2025 तथा जून 2025 का नकल आवेदन का एस्टीमेट निकल गया है लेकिन 11 अप्रैल 2025 का नकल पैसा नहीं देने के कारण अब तक रोक कर रखा गया है।

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