न्यायिक कार्यों को समयबद्ध निष्पादन और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की दी नसीहत
पाकुड़। व्यवहार न्यायालय के सभागार में रविवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने की। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक दो पालियों में आयोजित इस प्रशिक्षण में सीआईएस (केस इंफॉर्मेशन सिस्टम) व अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर अर्पणा कुजूर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा नगमा प्रवीण ने मौके पर उपस्थित होकर न्यायालय के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इसमें ई-कोर्ट की अवधारणा, डेटा प्रबंधन, सर्वोच्च न्यायालय की ई-कोर्ट पहल, आदेश/निर्णय अपलोड करना, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केस हियरिंग, क्यूआर कोड अपलोड और महत्वपूर्ण गवाह के बयान ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया पर विशेष चर्चा हुई। शेषनाथ सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड कोई भी आदेश निचली अदालत में मान्य होगा, जिसे स्वतः डाउनलोड कर आदेश शीट में दर्ज किया जा सकता है। इससे बेल ऑर्डर या अपील जैसे मामलों में प्रक्रिया तेज होगी और फरियादियों को राहत मिलेगी। उन्होंने न्यायिक कार्यों को व्यवस्थित ढंग से करने, पुराने वादों का त्वरित निष्पादन और स्वच्छ वातावरण में रहकर स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। मौके पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट जज इंचार्ज विशाल कुमार दास समेत 50 न्यायालय कर्मी उपस्थित थे।
