इंसान हूं,इंसानियत समझता हूं,जबतक सांस है इंसान की मदद हर हाल में करता रहूंगा, अजहर इस्लाम।
बजरंग पंडित
नावदा पंचायत के हरी-हरा गाँव में रहने वाले असहाय बुज़ुर्ग दंपती से मुलाक़ात मेरी चुनाव से पहले पदयात्रा के दौरान हुई थी। दादा जी पैर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और आँखों की रोशनी खो चुके हैं, जबकि दादी जी के पैर अकड़ चुके हैं और वे चल-फिर नहीं पातीं।
उस समय उनके घर में बिजली का कनेक्शन तक नहीं था। मैंने तुरंत बिजली दिलवाई। तब से हर महीने उनके घर राशन भिजवाता हूँ और ईद पर कपड़े-लत्ते भी भेजता हूँ। दुख की बात है कि पंचायत के मुखिया ने ऐसे गरीब परिवारों को सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं दिया, बल्कि अमीरों को ही सुविधाएँ पहुँचाईं। चुनाव में नतीजा चाहे जो रहा हो, लेकिन आज भी मैं गरीबों के साथ खड़ा हूँ। उनकी सेवा करना ही मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूँजी और असली जीत है।

