पाकुड़ : जिला प्रशासन द्वारा संचालित प्रोजेक्ट बदलाव ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला रहा है। पाकुड़ प्रखंड की मधुनीता देवी इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। कभी घर की चारदीवारी तक सीमित रहीं मधुनीता आज आत्मनिर्भर उद्यमी बन चुकी हैं।
महिला समूह से 50 हजार रुपये का लोन लेकर उन्होंने समाहरणालय परिसर में दीदी कैफे की शुरुआत की। जिला प्रशासन ने उन्हें नि:शुल्क स्थान उपलब्ध कराया। आज यह कैफे समाहरणालय आने-जाने वालों के लिए चाय-नाश्ते और पौष्टिक भोजन का भरोसेमंद विकल्प बन चुका है। कैफे से जुड़ी दीदियां JSLPS द्वारा तैयार उत्पाद भी यहां बेचती हैं।
उपायुक्त के निर्देश पर सभी विभागीय बैठकों और कार्यशालाओं में नाश्ता व भोजन की आपूर्ति दीदी कैफे से की जाती है। इस पहल से मधुनीता हर महीने 40 से 50 हजार रुपये की कमाई कर रही हैं, जिससे उनका और समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं का जीवन संवर रहा है।
हाल ही में पुलिस लाइन, पाकुड़ में आयोजित चार दिवसीय संथाल परगना खेलकूद प्रतियोगिता में दीदी किचन ने 87,850 रुपये और पलाश मार्ट ने 17,245 रुपये की बिक्री की। प्रतिभागियों और आगंतुकों ने स्थानीय उत्पादों और भोजन की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए महिला उद्यमिता को समर्थन दिया। अब प्रोजेक्ट बदलाव के तहत बड़ी संख्या में प्रखंड मुख्यालय, चौक-चौराहों और हाट बाजारों में भी दीदी किचन शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए दीदियों को RSETI से निःशुल्क प्रशिक्षण और JSLPS व बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल न केवल महिलाओं की आत्मनिर्भरता की ओर कदम है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का भी माध्यम बन रही है।
