Search

November 28, 2025 8:08 pm

पाकुड़ में बदलाव की दस्तक, एक शांत प्रशासनिक अधिकारी कैसे गढ़ रहा जिले की नई पहचान।

वक़्त ने एक अफ़सर दिया, जिसने ज़िले को सपना नहीं, हक़ीक़त दी— नाम है डॉ मनीष कुमार

वो फैसले नहीं करते, रौशनियां बिखेरते हैं— तभी तो उनके आने के बाद पाकुड़ का हर कोना चमक उठा।

दफ्तर से ज़्यादा ज़मीन पर नज़र रखने वाला अफ़सर डॉ मनीष कुमार।

पाकुड़: झारखंड की मिट्टी ने हमेशा से संघर्ष और संभावनाओं की कहानी साथ-साथ लिखी है। बिहार से अलग होने के बाद राज्य ने बीते 25 वर्षों में खनिज, उद्योग और प्राकृतिक संसाधनों के सहारे नई ऊँचाइयों को छुआ है।लेकिन इसी तेजी से बढ़ते झारखंड के मानचित्र पर एक कोना ऐसा भी था, जो लगातार पिछड़ेपन की गिरफ्त से बाहर निकलने के लिए जूझता रहा—पाकुड़।लंबे समय तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और प्रशासनिक सुस्ती ने पाकुड़ को विकास की कतार में हमेशा पीछे रखा। कई अफसर आए, काम भी हुए, लेकिन ठोस बदलाव की गति हमेशा अधूरी लगती रही।परंतु… यह तस्वीर कुछ समय पहले बदलनी शुरू हुई, जब झारखंड सरकार ने युवा आईएएस अधिकारी डॉ मनीष कुमार को पाकुड़ का उपायुक्त बनाकर भेजा। शांत, कम बोलने वाले, लेकिन बेहद व्यवस्थित और नपे-तुले फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले इस अधिकारी ने जिले को किसी फाइल नहीं, बल्कि मैदान से चलने वाली रिपोर्टों के आधार पर पढ़ा। और यहीं से शुरू हुई वह कहानी, जिसे आज पाकुड़ के लोग ‘बदलाव का दौर’ कह रहे हैं।

शिक्षा में जागी नई रोशनी—‘पढ़ेगा पाकुड़, बढ़ेगा पाकुड़’ का असर

अक्सर अफसर नारे देते हैं, लेकिन वे नारों की तरह ही हवा में घुल जाते हैं। मगर डीसी मनीष कुमार का दिया नारा—”पढ़ेगा पाकुड़, बढ़ेगा पाकुड़”। जिले में आंदोलन बन चुका है।वरिष्ठ शिक्षकों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में शिक्षा पर इतनी केंद्रित पहल नहीं देखी गई थी। डीसी के निर्देश पर: हर महीने स्कूलों में जन्मोत्सव और तिथि भोज,डीसी का बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर स्वयं भोजन करना,शिक्षकों की जवाबदेही तय,नामांकन वृद्धि की नियमित समीक्षा व अभिभावकों के साथ त्वरित संवाद इन प्रयासों का असर इतना सीधा था कि कई स्कूलों में उपस्थिति दोगुनी हो गई।बच्चों में उत्साह है।शिक्षक जिम्मेदारी महसूस कर रहे हैं।और गांव की गलियों में स्कूल का माहौल बदला हुआ दिख रहा है।यह वही पाकुड़ है जहाँ कभी मिड-डे मील की बदहाली, शिक्षक-घाटे और उपस्थितिहीन स्कूलों की शिकायतें आम थीं।

सदर अस्पताल… जिसे देखकर लोग लौट जाते थे

कभी पाकुड़ सदर अस्पताल का जिक्र आते ही लोग कहते थे—“जाओगे तो खाली वापस आओगे.”यहां न साफ-सफाई थी, न दवाइयाँ, न डॉक्टर समय पर मिलते थे।लेकिन पिछले कुछ महीनों में यह अस्पताल बिल्कुल नई छवि में दिख रहा है। डीसी की औचक निरीक्षण की शैली, कठोर निर्देश और लापरवाही पर स्पष्ट कार्रवाई ने अस्पताल का ढांचा बदल दिया। इसका नतीजा है अस्पताल परिसर साफ-सुथरा,दवाओं का स्टॉक नियमित,आपातकालीन सेवाएँ पहले से अधिक सक्रिय,मातृ-शिशु इकाई बेहतर,डॉक्टरों की उपस्थिति दर्जनों गुना बढ़ी।स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ कर्मचारी की मानें तो— पहली बार लगता है कि कोई डीसी हमें सिर्फ आदेश नहीं देता, बल्कि हमारे साथ खड़ा भी है।

रोजगार और विकास ने पकड़ी रफ्तार

पाकुड़ में विकास कार्यों का ढीला ढालापन किसी से छिपा नहीं था।
फाइलें महीनों दबी रहती थीं और योजनाएँ कागजों में ही घूमती रहती थीं।लेकिन नई प्रशासनिक टीम के आने के बाद: रोजगार मेले आयोजित हुए,बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरियाँ मिलीं,ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता पर निगरानी,योजनाओं की नियमित ब्लॉक-स्तरीय समीक्षा,ठेकेदारों और अधिकारियों की जवाबदेही तय इन सबके बीच यह सबसे बड़ा बदलाव दिखा कि लोगों का प्रशासन पर भरोसा लौटने लगा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मान—जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण

प्रशासनिक दुनिया में पहचान तब मिलती है जब काम का असर जनता के साथ-साथ नीति-निर्माताओं तक भी पहुँचे। डीसी मनीष कुमार को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्वयं भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया।यह केवल एक अफसर की उपलब्धि नहीं, बल्कि पाकुड़ जिले का सम्मान था—क्योंकि यह जिले की लंबी उपेक्षा के बाद मिला पहला बड़ा राष्ट्रीय स्तर का गौरव है।

Also Read: E-paper 01-11-2025

पाकुड़ बदल रहा है—और बदलाव दिख भी रहा है

आज जब आप पाकुड़ की गलियों, स्कूलों या अस्पतालों से गुजरेंगे, तो फर्क खुद-ब-खुद महसूस होगा—स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल,अस्पतालों में व्यवस्थित सेवाएँ,योजनाओं का जमीन पर उतरना,युवाओं में अवसरों की नई उम्मीद व जनता और प्रशासन के बीच बढ़ता विश्वास और इस बदलाव के केंद्र में एक सादा, शांत, नपे-तुले शब्दों वाला अफसर है, जिसकी कार्यशैली सिद्ध करती है—अधिकारी यदि बोले कम और काम ज्यादा करे… तो पूरा जिला बोल उठता है—बदलाव हो रहा है।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर