पाकुड़ जिले के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। किसानों को उनकी उपज का सही दाम और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सोमवार से जिले के 19 लैम्प्स एवं पैक्स में धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार ने इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2369 प्रति क्विंटल तय किया है। इसके साथ ₹81 प्रति क्विंटल बोनस जोड़कर किसानों को कुल ₹2450 प्रति क्विंटल का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा।
सोमवार को पाकुड़ प्रखंड के कालिदासपुर लैम्प्स धान अधिप्राप्ति केंद्र का उद्घाटन उपायुक्त मनीष कुमार ने सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव एवं जिला आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह के साथ फीता काटकर किया। उद्घाटन के बाद किसानों ने केंद्र पर धान विक्रय भी किया। मौके पर जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलखो, जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू एवं सीओ अरबिंद कुमार बेदिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उपायुक्त बोले- किसानों को मिलेगा पूरा लाभ।
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाना है। पैक्स के माध्यम से धान बेचने पर किसानों को एकमुश्त राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर से पूरे राज्य में धान अधिप्राप्ति वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो चुकी है और विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार जिले के सभी चयनित केंद्रों पर खरीद जारी है।
सीसीटीवी और 4G POS मशीन से होगी पारदर्शी खरीद।
उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष अधिप्राप्ति प्रक्रिया को और आसान और पारदर्शी बनाने के लिए सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही 4G आधारित पीओएस मशीनों से पूरी प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है, जिससे किसानों को तुरंत रसीद मिल रही है।
2 से 3 महीने चलेगी खरीद, लक्ष्य 2 लाख क्विंटल।
धान अधिप्राप्ति का कार्य आगामी 2 से 3 महीने तक चलेगा। जिले के लिए इस वर्ष करीब 2 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले वर्ष जिले में लगभग 95 हजार क्विंटल धान की खरीद हुई थी। अच्छी फसल को देखते हुए उपायुक्त ने उम्मीद जताई कि इस बार अधिक से अधिक किसान लैम्प्स के माध्यम से धान विक्रय करेंगे।
पंजीकरण जरूरी, कई स्तर पर मिलेगी मदद।
धान बेचने के लिए किसानों का ई-पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य है। किसान स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा राजस्व कर्मचारी, सहकारिता कार्यालय और जिला आपूर्ति कार्यालय से भी सहायता ली जा सकती है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि सभी लैम्प्स कार्यालय तय समय पर खुले रहेंगे और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।







