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December 23, 2025 2:07 am

आदिवासी सेंगेल अभियान ने निकाली हासा–भाषा विजय रैली, झारखंड में संताली भाषा को प्रथम राजभाषा बनाने की मांग।

एस कुमार

आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सोमवार को हासा – भाषा (मातृभूमि -मातृभाषा) विजय दिवस को लेकर जनजागरण मोटर साइकिल रैली जिले के तीन प्रखंड महेशपुर, पाकुड़िया व अमड़ापड़ा में पाकुड़ सेंगेल अध्यक्ष लोबीन मरांडी की देखरेख में निकाला गया. वही आदिवासी सेंगेल अभियान के साहेबगंज जोनल हेड सोनातन हेंब्रम ने कहा कि आज का दिन आदिवासी समाज के लिए महान् ऐतिहासिक गर्व का दिन है. क्योंकि महान् वीर शहीद सिदो मुर्मू के नेतृत्व में 30 जून 1855 को हुए संताल हूल का परिणाम आज ही के दिन 22 दिसंबर 1855 को संताल परगना दिशोम (एसपीटी कानून) के रूप में मिला. ठीक उसी प्रकार सालखन मुर्मू के नेतृत्व में 30 जून 2000 वर्ष को भोगनाडीह में संताली भाषा मोर्चा के द्वारा वीर शहीदों की वीर माटी को साक्षी मानकर संताली भाषा को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए शपथ लिया था. परिणाम स्वरूप 22 दिसंबर 2003 को संताली भाषा को भी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुआ है. इसलिए यह दिन आदिवासी समाज के लिए ऐतिहासिक स्वर्णिम दिन है. हम मांग करते हैं कि इस दिन को झारखंड सरकार हासा – भाषा(मातृभूमि – मातृभाषा) विजय दिवस के रूप में मनाएं. इसके लिए आदिवासी सेंगेल अभियान की तरफ से राज्यपाल झारखंड को एक पत्र भी प्रेषित किया है. राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी आदिवासी भाषा संताली को आदिवासी बहुल प्रदेश झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दी जानी की मांग की है. मौके पर साहेबगंज जोनल हेड, सोनतन हेंब्रम, मदन मुर्मू, रूबीलाल किस्कू, सुलेमान किस्कू, रंजीत टुडू, सेकेंदर हेंब्रम, दिनेश सोरेन, संतलाल मुर्मू, शिबू मुर्मू, इजरायल किस्कू, फिलिप सोरेन, कोमल सोरेन, सोनाराम टुडू सहित अन्य मौजूद थे।

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