एसबीआई लाइफ़ के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
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जयराम मंडल
उधवा। एसबीआई उधवा शाखा में शाखा प्रबंधक तथा एसबीआई लाइफ़ के एजेंट की मिलीभगत से बचत खाता धारकों को टारगेट कर एसबीआई लाइफ़ का पाॅलिसी बेचा जा रहा है।इसका खुलासा उधवा शाखा के एक खाताधारक मोहम्मद मंसुर आलम को जब ठगे जाने का एहसास हुआ तो इस संबंध में एसबीआई उधवा शाखा के वर्तमान शाखा प्रबंधक सतीश कुमार से शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन उसे इस संबंध में शाखा प्रबंधक से संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। क्षेत्रीय प्रबंधक एसबीआई पाकुड़ तथा एसबीआई लाइफ़ के साहिबगंज शाखा में संपर्क करने पर वहां भी कोई जानकारी देने या समाधान करने से पल्ला झाड़ लिया गया है।
क्या है मामला
उत्तर पलाशगाछी निवासी मोहम्मद मंसुर आलम का एसबीआई उधवा शाखा बचत खाता है। उसके खाते में मोटी रकम है की जानकारी बैंक प्रबंधन को था। अक्टूबर 2020 में उधवा शाखा से रतन कुमार ने बैंक का अधिकारी बताते हुए उसे बैंक में बुलाया और कुछ कागजातों में हस्ताक्षर करने के लिए कहा। जानकारी मांगी तो बताया कि बैंक ने अपने अच्छे ग्राहकों के लिए एक अच्छी योजना बनाई जिसमें तीन साल तक 30260 रुपया जमा करना होगा और 6 वर्ष बाद मोटी रकम मिलेगा।आप चाहें तो कभी भी अपनी रकम वापस भी ले सकते हैं। इसके बाद मेरे खाते से बैंक द्वारा 30260 रुपए की निकासी कर ली गई। तीन चार माह बाद एसबीआई लाइफ़ का पाॅलिसी डाक द्वारा भेजी गई तो बैंक के शाखा प्रबंधक तथा बीडीएम रतन कुमार से फोन पर बात की तो मुझे पूर्ववर्ती बातों को दुहराई गई। इसके बाद दूसरी किस्त भी जमा कराया गया।इस बीच मुझे रुपयों की जरूरत हुई तो एसबीआई उधवा शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पोलिसी ग्यारह वर्ष से पूर्व तथा कम से कम तीन वर्ष का प्रिमियम जमा नहीं किया तो एक भी रुपया नहीं मिलेगा।ठगे जाने का एहसास हुआ तो फिर बीडीएम रतन कुमार को फोन किया तो अपनी बात से पलट गए तथा अभद्र व्यवहार किया।इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक एसबीआई पाकुड़ के पास लिखित शिकायत की गई है।
कैसे होता है बैंक में बैठकर एसबीआई लाइफ़
मोहम्मद मंसुर आलम जैसे कई एसबीआई के खाताधारकों को नहीं चाहते हुए भी एसबीआई लाइफ़ की पोलिसी लेनी पड़ती है। बैंक में लोन लेने से पहले बैंक प्रबंधन द्वारा एसबीआई लाइफ़ लेने का सुझाव दिया जाता है। ऐसे में जल्द ही लोन स्वीकृत कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बैंक प्रबंधन को पता होता है कि किस खाताधारक के खाते में मोटी रकम है और सर्वाधिक ट्रांजेक्शन होता है। ऐसे खाताधारक को बैंक प्रबंधक और एसबीआई लाइफ़ एजेंट या बीडीएम बैंक से फोन कर शाखा में बुलाया जाता है और एसबीआई लाइफ़ का पाॅलिसी बेचा जाता है।
एसबीआई उधवा के शाखा प्रबंधक सतीश कुमार ने बताया कि मोहम्मद मंसुर आलम के शिकायत उच्चाधिकारी को मेल किया गया है। एसबीआई लाइफ़ में आईआरडीए के नियमों के अनुसार भूगतान किया जा सकता है। मंसूर आलम को कम से कम तीन वर्ष का प्रिमियम जमा करने को कहा गया है। उसके बाद ही भुगतान किया जा सकता है।