रामगढ़। बुधवार को राधा गोविन्द विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक दिन रहा। इस अवसर पर ऑडिटोरियम हॉल में विधि विभाग द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर आधारित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे झारखंड उच्च न्यायालय, रांची के पूर्व न्यायधीश जस्टिस डॉ एस एन पाठक सहित ब्ल्यू फाउंडेशन रांची के चेयरमैन डॉ पंकज सोनी , झारखंड उच्च न्यायालय अधिवक्ता विनोद कुमार मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।


मौके पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी एन साह,सचिव प्रियंका कुमारी, कुलपति प्रो (डॉ) रश्मि, कुलसचिव प्रो (डॉ) निर्मल कुमार मंडल, वित्त एवं लेखा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो (डॉ) अशोक कुमार, प्रबंध समिति सदस्य अजय कुमार, समाजसेवी सी पी संतन एवं मीडिया प्रभारी डॉ संजय कुमार ने उपरोक्त सभी अतिथियों का भव्य स्वागत किया। इस संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व न्यायधीश डॉ एस एन पाठक, कुलाधिपति बी एन साह सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। सर्वप्रथम विश्विद्यालय के संस्थापक स्व गोविंद साह एवं स्व राधा देवी के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित की गई। यूनिवर्सिटी परिवार द्वारा परंपरा के अनुसार सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ, प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र भेट कर स्वागत किया गया।

हजारों की संख्या में पहुंचे विधि विभाग के विद्यार्थियों के बीच अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ एस एन पाठक ने कहा कि “वन नेशन,वन इलेक्शन” विषय पर आधारित इस राष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर सभी प्रतिभागियों, विशेषज्ञों, अध्यापकों और विद्यार्थियों को अपने घर विचारों से प्रेरित करते हुए अपने विचारों को सबके सामने रखते हुए एक राष्ट्र एक चुनाव के सकारात्मक पक्ष पर अपने विचार रखने का काम किए।

उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु देश के नागरिकों केबीच जागरूकता, शिक्षा एवं भागीदारी को प्रबल हथियार बताया। श्री पाठक ने कहा कि तत्काल में परंपरागत चुनाव प्रणाली के कई नकारात्मक पहलू है। जिसे आम जनता को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही सरकारी कर्मचारी, चुनाव आयोग को भी अलग-अलग समय पर अलग-अलग राज्यों में चुनाव करना एक कड़ी चुनौती एवं खर्चीली पद्धति के रूप में माना जाता है। कहां की संविधान के आधारभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाएं बगैर इस पर विचार किया जा सकता है। एक देश एक चुनाव के लिए मजबूत सरकार को लोकतंत्र के तीन अंगों को मूल सिद्धांत पर आकर संविधान के दायरे में काम करना होगा और मूलभूत सिद्धांतों के लिए संविधान में संशोधन करने के बाद ही एक देश एक चुनाव मजबूत होगा। उन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव के विषय पर अपने गहन विचारों को सामने रखते हुए बताया कि इससे सकारात्मक फल प्राप्त होगा किंतु इसके लिए एक बड़ी जागरूकता एवं राष्ट्र के सभी नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है। इससे चुनाव आयोग का कार्य आसान होगा तो वही कई महत्वपूर्ण चुनावी खर्च पर भी लगाम लगेगा। दूसरे वक्ता चेयरमैन ब्ल्यू फाउंडेशन, रांची के डॉ पंकज सोनी कहा कि विधि विभाग के विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि न्याय करना और क्षमा करना बड़ा ही महत्वपूर्ण कार्य है।

हम विद्यार्थियों को खुद भी राष्ट्रहित में निर्णय लेना चाहिए और अपने परिवार को भी इस मुहिम में आगे लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव से अत्यधिक चुनाव पर व्यय से देश के आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। वहीं कुलाधिपति बी एन साह ने सभी अतिथियों को तहेदिल दिल से हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय संगोष्ठी किसी विशेष विषय पर अपने ज्ञान और समझ को प्रस्तुत करने और गहराई से चर्चा करने के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों प्रदान करता है। हमारा प्रयास है कि हम सभी विद्यार्थियों को एक विशेष ज्ञान दे सके। सचिव प्रियंका कुमारी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की प्रशंसा की और उन्होंने सभी शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों को आलोचनात्मक सोच और अनुसंधान के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान देने के प्रेरित किया। कार्यक्रम का नेतृत्व विधि विभाग के व्याख्याता महेंद्र मंडल एवं आलोक आंबेडकर ने किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग के व्याख्याता डॉ रंजना पांडेय और डॉ अमरेश पांडेय ने किया।

विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो (डॉ) निर्मल कुमार मंडल धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।।उन्होंने कहा कि आज के संगोष्ठी का उद्देश्य विद्यार्थियों को चुनावी व्यवस्था , प्रशासनिक चुनौतियों और संवैधानिक पहलुओं की समझ प्रदान करेगा। राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान गाकर किया गया। मौके पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष , कर्मचारीगण , विभिन्न राज्यों के शोधार्थी एवं छात्र- छात्राएं सहित पत्रकार भी उपस्थित रहे।







