राजकुमार भगत
पाकुड़ | धनतेरस, दीपावली और काली पूजा को लेकर पूरे जिले में उत्साह और उमंग का माहौल है। बाजारों में रौनक लौट आई है, लोग नई खरीदारी कर रहे हैं, वहीं महंगाई ने आम और मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर असर जरूर डाला है। घर-घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं, तो पूजा समितियां भव्य सजावट और रोशनी में जुटी हैं। राजा पाड़ा स्थित नित्य काली मंदिर और कली तल्ला श्मशान काली पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। ये दोनों पूजा जिले की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक परंपराओं में गिनी जाती हैं, जो आज भी राजपरिवार की अगुवाई में संपन्न होती हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में पारंपरिक पाठा बलि दी जाती है। इसके अलावा बालकेशरी काली मंदिर, मध्यपाड़ा खेपा काली मंदिर और ग्वालपाड़ा आनंदमयी मंदिर में भी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। खास बात यह है कि इन स्थानों पर प्रतिमा नहीं बैठाई जाती, बल्कि अमावस्या की रात पूजा प्रारंभ होकर सुबह पाठा बलि के साथ संपन्न होती है। श्मशान काली की पूजा में ताड़ के पत्तों और फूलों से अस्थायी मंडप बनाए जाते हैं और सुबह प्रतिमा का पारंपरिक विसर्जन किया जाता है। हाटपाड़ा स्थित भैरव पूजा की तैयारी भी अंतिम चरण में है। समितियां लाइटिंग, सजावट और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सक्रिय हैं।
प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर।
दीपावली और काली पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। एसपी निधि द्विवेदी ने सभी थानों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। पूजा स्थलों पर महिला और पुरुष सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए भी विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर रहेगी। प्रशासन ने लोगों से शांति, सौहार्द और भाईचारे के साथ पर्व मनाने की अपील की है। किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने और किसी घटना की सूचना तत्काल निकटतम थाना या हेल्पलाइन नंबर पर देने को कहा गया है। प्रशासन जल्द ही हेल्पलाइन जारी करेगा।