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March 15, 2025 5:05 am

भगत पाड़ा मंदिर में मनाया गया अक्षय नवमी उत्सव।

राजकुमार भगत

पाकुड़। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार अक्षय नवमी का शुभारंभ 9 नवंबर शनिवार को शाम 5:52 से शुरू होकर 10 नवंबर रविवार को शाम 04: 00बजे तक रहा। उदिया तिथि के अनुसार अक्षय नवमी इस वर्ष अधिकतर स्थानों में 10 नवंबर को मनाया गया। पाकुड़ शहर स्थित कई मंदिरों के समीप महिलाएं बच्चियों को अवला वृक्ष का हल्दी अक्षत कुमकुम सिंदूर धूप दीप नैवेद्य से पूजा अर्चना एवं परिक्रमा करते देखा गया। भगत पाड़ा स्थित शिव मंदिर में महिलाओं द्वारा अमला वृक्ष का विधि पूर्वक पूजा अर्चना की, घी के दीए जलाकर महिलाओं ने सात परिक्रमा की। इस अवसर पर मंदिर परिसर में ब्राह्मणों को भोजन कराया गया तथा समाज व मोहल्ले के सैकड़ो मुहल्ला वासी आंवला वृक्ष के नीचे प्रसाद ग्रहण की।अक्षय नवमी के दिन पितरों के निमित्त अन्य वस्त्र और कंबल दान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अक्षय नवमी द्वापर युग से प्रारंभ हुआ था । इस दिन अवल के वृक्ष का पूजन करने से भगवान विष्णु एवं शिव की कृपा प्राप्त होती है। पद्म पुराण के अनुसार आवला भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और इसकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। पूजन एवं प्रसाद वितरण करने के निमित कैलाश प्रसाद भगत, प्रदीप कुमार भगत, जगदीश प्रसाद भगत, अमर कुमार भगत, तारकेश्वर भगत, गौरी शंकर भगत, संदीप कुमार, संजय भगत,प्रीतम भगत, विनय भगत, संजय भगत , उत्तम भगत, लोकनाथ भगत, प्रवीण भगत, आदि अनेक सदस्य अपनी सक्रिय भूमिका अदा की।

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