पाकुड़ जिले में एनीमिया मुक्त झारखंड सप्ताह के तहत शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य जागरूकता और जांच अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस क्रम में विद्यालयों एवं समुदाय स्तर पर टी–4 कैंप (Test, Treat, Talk एवं Track) का आयोजन कर किशोर–किशोरियों तथा महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की जा रही है, ताकि एनीमिया की समय रहते पहचान कर उचित उपचार एवं परामर्श उपलब्ध कराया जा सके। एनीमिया को देश की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बताते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि इससे किशोर–किशोरियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं गर्भवती महिलाओं में एनीमिया होने पर गर्भस्थ शिशु के वजन एवं मस्तिष्क विकास पर भी असर पड़ता है, जिससे जन्म के बाद कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाकर जांच, उपचार एवं पोषण परामर्श की व्यवस्था की जा रही है। झारखंड राज्य में यह विशेष सप्ताह 15 दिसंबर से 21 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत पाकुड़ जिले में सप्ताह भर विद्यालयों एवं समुदाय स्तर पर कैंप लगाकर एनीमिया की जांच, दवा वितरण एवं स्वास्थ्य परामर्श दिया जा रहा है। इसी क्रम में आदर्श विद्यालय, बिल्टू एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आयोजित टी–4 कैंप का निरीक्षण जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ. एस. के. झा, जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक विनोद कुमार वर्मा एवं लोक स्वास्थ्य प्रबंधक फहीम अख्तर द्वारा किया गया। अधिकारियों ने कैंप की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए कार्यक्रम को प्रभावी एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित करने का निर्देश दिया।





