राजकुमार भगत
पाकुड़। जब रांची के अब्दुर रज्जाक अंसारी अस्पताल में एक 7 साल के मासूम मीनान अली की जान बचाने के लिए O पॉजिटिव ब्लड की सख्त जरूरत पड़ी, तो मनीरामपुर का 26 वर्षीय युवक आसिफ उसकी जिंदगी में फ़रिश्ता बनकर आया। कालिकापुर निवासी मीनान के परिजन अकबर अली ने जब इंसानियत फाउंडेशन के सचिव बानिज़ शेख से मदद मांगी, तो उन्होंने फौरन फारीउल के ज़रिए आसिफ से संपर्क किया। मरीज़ की कहानी सुनते ही आसिफ बिना देर किए तैयार हो गया। रांची में लैब टेक्नीशियन कोर्स कर रहे आसिफ ने अस्पताल पहुंचकर तुरंत रक्तदान किया। उन्होंने कहा, “यह मेरा तीसरा रक्तदान है और हर बार आत्मा को सुकून मिलता है। इंसानियत फाउंडेशन जैसे संगठनों से जुड़कर मैं प्रेरित हूं। रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता। मेरा युवाओं से भी आग्रह है कि आगे आएं और ज़रूरतमंदों की जान बचाएं।
इंसानियत फाउंडेशन, पाकुड़ ने एक बार फिर साबित किया कि जब मदद की पुकार हो, तो इंसानियत की मिसालें खुद बखुद सामने आ जाती हैं।