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October 28, 2025 6:37 pm

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ।

उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार की सुबह श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हो गया। कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर व्रतियों ने उषाकाल में गंगाजल और दूध से अर्घ्य अर्पित कर सूर्यदेव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। पूरे जिले में पर्व का माहौल भक्ति, लोकगीत और आस्था से सराबोर रहा। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। महिलाओं ने स्नान-ध्यान के बाद नये परिधान पहन कर नंगे पांव घाटों पर पहुंच कर परंपरागत सूप में प्रसाद सजाया और दीप प्रज्वलित किए। अर्घ्य के समय घाटों पर “कांच ही बांस के बगनिया…” और “उग हो सूरज देव…” जैसे लोकगीतों की मधुर ध्वनि वातावरण में गूंज उठी। छठ घाटों पर मन और आत्मा को तृप्त करने वाला अद्भुत भक्ति-संगम देखने को मिला।

महिलाओं ने दी बधाई, ग्रहण किया प्रसाद

सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रतियों ने घर लौटकर परिवारजनों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। नाक से मांग तक सिंदूर लगाकर उन्होंने एक-दूसरे को छठ की बधाई दी। प्रसाद वितरण का सिलसिला दिनभर चलता रहा।

छठी मैया के प्रसाद का विशेष महत्व

घाटों पर प्रसाद पाने के लिए लोग आतुर दिखे। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक छठी मैया का प्रसाद ग्रहण करने से त्वचा रोग दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। ठेकुआ, कचनिया, कच्चा, नारियल, केला, ईख, हल्दी आदि प्रसाद के रूप में भगवान भास्कर को अर्पित किए गए।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद

छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक स्वयं विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे। प्रमुख घाटों पर पुलिस बल, महिला एवं पुरुष सिपाही सिविल ड्रेस में तैनात रहे। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

घाटों पर सजी भक्ति की रंगत

कालीभषाण तालाब, ठाकुरबाड़ी, टीनबंग्ला, रामसागर, शिव-शीतला मंदिर तालाब, अकाड़ी पोखर समेत दर्जनों घाटों को बिजली की रंगीन रोशनी और तोरण द्वारों से सजाया गया था। संपूर्ण वातावरण में भक्ति संगीत की गूंज रही।

सफा होड़ ने दिखाया सांस्कृतिक रंग

आदिम जनजाति समाज के सफा होड़ समूह ने पारंपरिक वेशभूषा में लोकनृत्य कर श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। वहीं कालीभषाण तालाब पर भगवान श्रीकृष्ण की नौका विहार झांकी निकाली गई, जिससे पूरा घाट भक्ति और उत्सव के रंग में डूब गया।

इस्कॉन मंदिर द्वारा गंगा आरती से नहाया माहौल

इस्कॉन मंदिर द्वारा कालीभषाण पोखर के समीप भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। हजारों श्रद्धालु एक साथ आरती में शामिल हुए। आरती के पूर्व शानदार आतिशबाजी ने छठ घाटों की शोभा बढ़ा दी।

सूर्य देव की हुई विशेष आराधना

शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में सात घोड़े पर सवार भगवान आदित्य की प्रतिमाएं स्थापित कर विधिवत पूजा-अर्चना की गई। लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर आस्था और परंपरा की मिसाल पेश की।

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