पाकुड़, हूल क्रांति की ज्वाला को स्मरण करते हुए आज सिदो-कान्हू पार्क, पाकुड़ में हूल दिवस के अवसर पर एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया समेत जिले के वरीय पदाधिकारियों ने वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। पदाधिकारियों ने चाँद-भैरव समेत हूल विद्रोह के सभी अमर सेनानियों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया। इस दौरान अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाईक, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह, जिला क्रीड़ा पदाधिकारी राहुल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि 30 जून 1855 को सिदो-कान्हू ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ शोषण और अत्याचार से मुक्ति पाने के लिए विद्रोह का शंखनाद किया था। उन्होंने बताया कि यह विद्रोह भारत के आदिवासी समुदाय द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की पहली जनक्रांति थी, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव को हिला कर रख दिया। डीसी ने कहा कि “वीर शहीदों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता।” उनका बलिदान हमें प्रेरणा देता है कि अन्याय और दमन के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष किया जा सकता है।
कार्यक्रम में जनजातीय परंपरा और ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देने की भावना स्पष्ट रूप से झलक रही थी। हूल दिवस न केवल एक ऐतिहासिक स्मरण है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए जागरूक रहने की प्रेरणा भी देता है।
