पाकुड़ | उपायुक्त मनीष कुमार ने गुरुवार को कोल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर खनन प्रभावित गांवों के विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर विशेष जोर दिया गया। उपायुक्त ने कोल कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जाएं, ताकि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार का अवसर मिले। साथ ही मल्टी प्रोसेसिंग सेंटर खोलने की दिशा में भी ठोस पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सड़क सुरक्षा को लेकर उपायुक्त ने कहा कि मुख्य मार्गों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जाए, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत जल्द हो और स्पीड ब्रेकरों पर सफेद पेंट से निशान लगाकर दुर्घटनाओं की संभावना घटाई जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि आर एंड आर पॉलिसी (पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति) का सख्ती से पालन हो और प्रभावित परिवारों को समय पर उनके सभी अधिकार और लाभ मिलें। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उपायुक्त ने कहा कि खाली पड़े भवनों को अस्पताल के रूप में विकसित किया जाए, आवश्यक उपकरण व स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही गांवों में क्लस्टर जोन बनाकर ममता वाहन एंबुलेंस की सुविधा सुनिश्चित की जाए और बाजार व अस्पताल आने-जाने के लिए टोटो वाहनों की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए नियमित स्वास्थ्य शिविर आयोजित हों और युवाओं में खेल भावना बढ़ाने के लिए फुटबॉल टूर्नामेंट जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से कराए जाएं। उपायुक्त ने कोल कंपनियों को चेताया कि वे केवल उत्पादन तक सीमित न रहें, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रभावित गांवों के सर्वांगीण विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं। बैठक में अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, परिवहन पदाधिकारी, खनन पदाधिकारी, अमड़ापाड़ा के अंचलाधिकारी समेत सभी कोल कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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