पाकुड़ कोर्ट परिसर स्थित बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर में लोगों ने देवी देवताओं के साथ खेली होली । गूंजे फगुआ गीत ।फगुआरों ने ढोलक, मंजीरा और झींका के साथ होली गीत गाए। “देवकी घर कान्हा जनम लिया”, “लंका चढ़ि आयेव कौनि गली” और “मन बसो मोर वृन्दावन मा” जैसे दर्जनों पारंपरिक गीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सभी होरिहारों को अबीर-गुलाल लगाया गया। मंदिर भगवान राम, हनुमान और अन्य देवी-देवताओं के जयकारों से गूंज उठा । लोगों ने कहा कि होली प्यार और भाईचारे का त्योहार है। हिंदू धर्म के लोग इसे बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं। होली लोगों के जीवन में नया रंग भरती है। यह त्योहार ईर्ष्या, द्वेष और मनमुटाव को दूर करता है। गले मिलने से सारे शिकवे-गिले मिट जाते हैं। देर रात कार्यक्रम का समापन बजरंग बली के जयकारों के साथ हुआ।
