कानून की पारदर्शिता और तकनीकी बदलावों पर हुई विस्तृत चर्चा
पाकुड़ | जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को व्यवहार न्यायालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में बीएनएसएस, पोक्सो और एनडीपीएस अधिनियम पर एक दिवसीय जिला स्तरीय बहु हितधारक परामर्श कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। मौके पर कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि, पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, बार एसोसिएशन के सचिव दीपक ओझा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ सुबोध कुमार दफादर सहित अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीडीजे शेष नाथ सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला कानून की पारदर्शिता, जागरूकता और आधुनिक कानूनी ढांचे की समझ को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि BNSS यानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, पुरानी दंड प्रक्रिया संहिता CrPC 1973 की जगह लेकर न्यायिक प्रक्रिया में तकनीक, पारदर्शिता और समयबद्धता को प्राथमिकता देती है। कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुधांशु शशि ने BNSS के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब गंभीर अपराधों में फोरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य की अहम भूमिका होगी। साथ ही, विचाराधीन कैदियों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में यह कानून अहम बदलाव लाएगा। एसपी निधि द्विवेदी ने पोक्सो एक्ट पर बोलते हुए कहा कि यह कानून 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित की मेडिकल जांच, बयान और साक्ष्य को लेकर संवेदनशील रवैया जरूरी है। साथ ही बच्चों की उम्र निर्धारण के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाने की बात कही। कार्यक्रम में डॉ. मनीष कुमार ने पोक्सो अधिनियम से जुड़े कानूनी प्रावधानों की गहन जानकारी दी। वहीं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम क्रांति प्रसाद ने एनडीपीएस अधिनियम पर विस्तार से बात करते हुए जांच, जब्ती और अभियोजन की प्रक्रिया को स्पष्ट किया। उन्होंने अनुसंधान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को भी रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव रूपा बंदना किरो ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी ने दिया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी, पुलिस अधिकारी, एलएडीसी टीम के सदस्य और बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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