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December 29, 2025 10:17 am

कृषि नवाचार, तकनीक एवं विविधीकरण का सशक्त मंच बना जिला स्तरीय किसान मेला

कृषि केवल आजीविका नहीं, हमारी संस्कृति और पहचान है- उपायुक्त

उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर किसानों से संवाद भी किया।

बाजार समिति प्रांगण, पाकुड़ में जिला स्तरीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का भव्य एवं सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त मनीष कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, संथाल परगना एवं जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस मेले का उद्देश्य किसानों को आधुनिक, वैज्ञानिक एवं लाभकारी कृषि पद्धतियों से जोड़ते हुए उनकी आय में वृद्धि करना तथा कृषि के नए आयामों से परिचित कराना रहा।

किसानों के श्रम से ही हमारी थाली तक पहुंचता है अन्न : उपायुक्त

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि जब भी हम भोजन ग्रहण करते हैं, तो हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि उस थाली तक अन्न पहुंचाने में हमारे किसान भाई-बहनों की अथक मेहनत और प्रकृति की कृपा जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि कृषि केवल आजीविका का साधन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान है।

कृषि मेले में आधुनिक तकनीक, नवाचार और वैकल्पिक कृषि मॉडल का प्रदर्शन

उपायुक्त ने कहा कि इस कृषि मेले में आधुनिक कृषि उपकरणों, सोलर आधारित चलायमान कृषि यंत्रों, नवाचारों एवं तकनीकी समाधानों की प्रभावशाली प्रदर्शनी लगाई गई है। पूर्व में ड्रोन तकनीक का सफल प्रदर्शन किया गया था और इस वर्ष भी तकनीक आधारित कृषि समाधान किसानों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पशुपालन, मत्स्य पालन, गौपालन, बकरी पालन, पोल्ट्री, पुष्प उत्पादन, मसाला खेती, केला बागवानी जैसे वैकल्पिक कृषि आय स्रोत अपनाकर किसान अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

जिले की कृषि विविधता बनी पहचान

उपायुक्त ने कहा कि पाकुड़ जिले के विभिन्न प्रखंड अपनी विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए जाने जाते हैं। कहीं जूट की खेती, कहीं आलू, कहीं बरबट्टी जैसी सब्जियों की उत्कृष्ट पैदावार जिले की कृषि क्षमता को दर्शाती है। हिरणपुर क्षेत्र में नावार्ड परियोजना के तहत 500 एकड़ में काजू की खेती इस बात का सशक्त उदाहरण है कि कृषि को किस प्रकार व्यावसायिक एवं लाभकारी बनाया जा सकता है।

फसल विविधीकरण से बढ़ेगी आय, मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

उपायुक्त ने किसानों से अपील की कि वे केवल एक फसल पर निर्भर न रहें, बल्कि धान के साथ गेहूं, दलहन, सब्जी एवं रबी फसलों को अपनाकर फसल चक्र विकसित करें। इससे भूमि का बेहतर उपयोग होगा और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित होगी।

धान अधिप्राप्ति में पारदर्शिता, 48 घंटे में भुगतान

उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्रों के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष 4G POS मशीनों के माध्यम से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनाई गई है तथा किसानों को 48 घंटे के भीतर सीधे खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों से समय पर निबंधन कराकर सरकारी अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान विक्रय करने की अपील की।

कृषि को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना जिला प्रशासन का लक्ष्य

उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य कृषि को लाभकारी बनाना, किसानों की आय बढ़ाना एवं कृषि के नए आयामों का विस्तार करना है। ऐसे कृषि मेलों के माध्यम से किसानों को जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

कृषि मेले का उद्देश्य नवाचार अपनाकर उत्पादन बढ़ाना : संयुक्त कृषि निदेशक, संथाल परगना

संयुक्त कृषि निदेशक, संथाल परगना ने कहा कि यह कृषि मेला किसानों के लिए एकीकृत मंच है, जहां विभिन्न विभागों की योजनाओं, कृषि प्रदर्शनी एवं प्रगतिशील किसानों के अनुभवों से सीखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि उन्नत खेती के तीन प्रमुख आधार हैं — मिट्टी, जल और बीज, और सरकार इन तीनों क्षेत्रों में किसानों को व्यापक सहयोग प्रदान कर रही है।

निःशुल्क मृदा जांच एवं मिट्टी सुधार योजना

संयुक्त कृषि निदेशक, संथाल परगना ने बताया कि निःशुल्क मृदा जांच योजना के तहत किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड प्रदान किया जा रहा है। अम्लीय मिट्टी सुधार हेतु डोलोमाइट का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार एवं उत्पादन में वृद्धि हो रही है।

किसानों के लिए योजनाओं की समग्र जानकारी का सशक्त मंच

जिला कृषि पदाधिकारी श्री मृत्युंजय कुमार ने कहा कि इस कृषि मेले के माध्यम से किसानों को बीज वितरण योजना, बिरसा फसल विस्तार योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं “प्रतिबूंद अधिक फसल योजना (PMKSY)” की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि टपक सिंचाई प्रणाली 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे जल संरक्षण एवं अधिक उत्पादन संभव हो रहा है।

लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण

कार्यक्रम के दौरान तीन किसानों के बीच 2 एचपी सोलर पंप तथा दो लाभुकों के बीच सॉयल हेल्थ कार्ड एवं 2 समूह के बीच मिनी ट्रैक्टर का वितरण किया गया।

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