रेल राजस्व देने वाला पाकुड़ अब भी उपेक्षित, व्यापारियों, छात्रों और मरीजों को हो रही परेशानी।
पाकुड़। पाकुड़ से नई दिल्ली और पटना तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने और कोविड काल में बंद की गई ट्रेनों को फिर से चलाने की मांग तेज हो गई है। फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ (FJCCI) ने इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेजकर पाकुड़ की रेल समस्याओं को गंभीरता से उठाया है। पत्र में कहा गया है कि महामारी के पहले पाकुड़ से होकर गुजरने वाली कई प्रमुख ट्रेनें बंद कर दी गई थीं, जिनका संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है। इससे यात्रियों, खासकर व्यापारियों, छात्रों, मरीजों और वरिष्ठ नागरिकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
एफजेसीसीआई ने जिन ट्रेनों को फिर से शुरू करने की मांग की है, वे इस प्रकार हैं:
13133/13134 — सियालदह-वाराणसी एक्सप्रेस
53417/53418 — बरहरवा-मालदा टाउन पैसेंजर
53137/53138 — रामपुरहाट-बरहरवा पैसेंजर
इन सभी ट्रेनों का पूर्व में पाकुड़ होकर नियमित संचालन होता था, लेकिन कोविड के बाद इन्हें बहाल नहीं किया गया है। एफजेसीसीआई ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि पाकुड़ से नई दिल्ली और पटना के लिए सीधी ट्रेनों की व्यवस्था की जाए, ताकि लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को सीधा और सुविधाजनक विकल्प मिल सके। पाकुड़ से रेलवे को अरबों का राजस्व, फिर भी उपेक्षा। पत्र में यह भी उल्लेख है कि पाकुड़ से कोयला, स्टोन चिप्स और अन्य खनिजों का भारी पैमाने पर परिवहन होता है, जिससे रेलवे को हर साल करोड़ों-अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। इसके बावजूद पाकुड़ रेलवे स्टेशन को अब तक महत्वपूर्ण स्टेशनों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। एफजेसीसीआई के महासचिव आदित्य मल्होत्रा और रेलवे उपसमिति के सदस्य संजय अग्रवाल ने रेल मंत्री से इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेने और पाकुड़ के यात्रियों को राहत देने की अपील की है।
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