हैंडओवर से पहले ही संवेदक का खुल गया पोल
अनियमितता के भेंट चढ़ जाने से महेशपुर बीपीएचयू में आ गई दरार
एस कुमार
विभागीय उदासीनता व संवेदक की मनमानी के बीच पाकुड़ जिले के महेशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में केंद्रीय प्रयायोजित योजना अंतर्गत 49, 12, 588 लाख की राशि से बन रहे बीपीएचयू भवन अनियमितता का शिकार हो गया। जहां संवेदक के द्वारा बीपीएचयू निर्माण में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया। भवन निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गई है। यहां पानी को बाहर फेंकने के लिए शोकफीट ना ही नाली निर्माण की गई है। इस कारण सीएचसी के कर्मियों ने अभी तक हैंडओवर भी नहीं लिया है। बताते चलें कि बीते 11 जनवरी 2025 को जिले के विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन सिंह ने महेशपुर बीडीओ सिद्धार्थ शंकर यादव के साथ उक्त बीपीएचयू निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। जहां निर्माण कार्य से कई कमीयों से अवगत हुआ। वही पदाधिकारियों ने संवेदक को सुधार करने का निर्देश दिया। हालांकि कमियों को देखते हुए सीएचसी को हैंडओवर नहीं किया गया। उधर संवेदक श्रवण कुमार ने आननफानन में पदाधिकारी के द्वारा निर्देश पालन करने में जुट गए। इस संबंध में दूरभाष पर संवेदक श्रवण कुमार भगत से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि नाली निर्माण स्टीमेट में नहीं है, तो कैसे बनाए।अनियमितता: सीएचसी महेशपुर परिसर में बीपीएचयू निर्माण में गुणवत्ता का नहीं रखा गया ख्याल
हैंडओवर से पहले ही संवेदक का खुल गया पोल
अनियमितता के भेंट चढ़ जाने से महेशपुर बीपीएचयू में आ गई दरार
विभागीय उदासीनता व संवेदक की मनमानी के बीच पाकुड़ जिले के महेशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में केंद्रीय प्रयायोजित योजना अंतर्गत 49, 12, 588 लाख की राशि से बन रहे बीपीएचयू भवन अनियमितता का शिकार हो गया। जहां संवेदक के द्वारा बीपीएचयू निर्माण में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया। भवन निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गई है। यहां पानी को बाहर फेंकने के लिए शोकफीट ना ही नाली निर्माण की गई है। इस कारण सीएचसी के कर्मियों ने अभी तक हैंडओवर भी नहीं लिया है। बताते चलें कि बीते 11 जनवरी 2025 को जिले के विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन सिंह ने महेशपुर बीडीओ सिद्धार्थ शंकर यादव के साथ उक्त बीपीएचयू निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। जहां निर्माण कार्य से कई कमीयों से अवगत हुआ। वही पदाधिकारियों ने संवेदक को सुधार करने का निर्देश दिया। हालांकि कमियों को देखते हुए सीएचसी को हैंडओवर नहीं किया गया। उधर संवेदक श्रवण कुमार ने आननफानन में पदाधिकारी के द्वारा निर्देश पालन करने में जुट गए। इस संबंध में दूरभाष पर संवेदक श्रवण कुमार भगत से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि नाली निर्माण स्टीमेट में नहीं है, तो कैसे बनाए।


