“मंईया सम्मान योजना पर सवाल: रसोइया संघ ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर दी सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी”
एस कुमार
पाकुड़: महेशपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित डाकबंगला परिसर में रविवार को झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ की प्रखंड स्तरीय बैठक मेलोन मरांडी की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में मुख्य रूप से संघ के राज्य उपाध्यक्ष सह प्रभारी भुण्डा बास्की उपस्थित थे. वही बैठक को संबोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष सह प्रभारी भुण्डा बास्की ने कहा कि हेमंत सोरेन की नजर में मंईया सम्मान योजना की कया अहमियत है, इसकी झलक 6 जनवरी को पूरा देश देख चुका है. नामकुम रांची के खोजीटोली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लाभुक महिलाओं के बीच 2500 रुपये ट्रांसफर करते हुए फूलों की बारिश की थी. उन्होंने जो कहा’ सो किया अब हर बहना को हर साल 30000 रुपये का नारा भी दिया था. लेकिन अब इस योजना का साइड इफेक्ट्स भी देखने लगा है. इसकी वजह से झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना में वितरण पर खतरा मंडराने लगा है. झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं को घर बैठे 2500 रुपये प्रति माह दे रही है. वही सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा-1 से कक्षा-8 तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन पकाने से लेकर खिलाने तक का काम करने वाली रसोइया को मानदेय के रूप में 2000 रूपये दिया जा रहा है. यह कहाँ का इंसाफ है. मंईया को सम्मान और रसोइया को अपमान हो रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रसोइयों के मानदेय 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये किया गया था. कैबिनेट में प्रस्ताव पारित भी हो चुका है. लेकिन आज तक इसको लागू नहीं किया गया है. लिहाजा उनकी तकलीफ पर गौर नहीं किया गया तो, मध्याह्न भोजन योजना सिस्टम संभाल रही सभी रसोइयों बहनों अपनी पद से सामूहिक इस्तीफा देकर मंईया सम्मान योजना के लिए आवेदन देगी. मौके पर फुलमुनी टुडू बहामुनी हांसदा, सुशांति हेम्ब्रम, कांतोना टुडू, प्रोमिला सोरेन, पौलिना हेम्ब्रम, सुनिता हेम्ब्रम, मीना देवी, गुलनार बीबी, माकुटी सोरेन सहित अन्य मौजूद थे.