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October 18, 2025 12:01 am

कथा व्यास गौतम जी महराज ने शिव महापुराण पर की चर्चा, शिवलिंग की उत्पत्ति और पूजा विधि पर दिया व्याख्यान।

पाकुड़िया शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर प्रखंड के मोंगल बांध ग्राम स्थित शिव मंदिर प्रांगण में अनुष्ठान के तीसरे रोज शनिवार की रात्रि को शिव महापुराण पर चर्चा करते हुए कथा व्यास गौतम जी महराज ने शिवरात्रि और शिवलिंग पर व्याख्यान किया। कथा में उन्होंने शिवलिंग की उत्पत्ति एवं पूजा विधि के विषय में श्रद्धालुओं को सुनाया की शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम या शिवा लिंगम भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिन्ह है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयंशंभू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है।शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं। कथा में उन्होंने विस्तार से लोगों को प्रकाश डाला। इसी में कथा के बीच-बीच में कथासार के गानों पर वृंदावन के तीन मनमोहन नृत्यांगना द्वारा सभी श्रद्धालुओं को कृष्ण, राधा एवं गोपी के रूप में श्रद्धालुओं को मनमोहक नृत्य कर मन मोह लिया। इस शिव महापुराण कथा सुनने में सभी महिला, पुरुष आत्मलिन दिखे।

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