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July 27, 2025 8:17 pm

पंचायतों में अब महिलाओं की मजबूत आवाज़, सशक्त पंचायत नेत्री अभियान की शानदार शुरुआत।

उत्कृष्ट मुखिया को किया गया सम्मानित

पाकुड़। जिले में पंचायतीराज को सशक्त बनाने की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाया गया। सूचना भवन सभागार में गुरुवार को “सशक्त पंचायत नेत्री अभियान” विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय उद्घाटन सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त मनीष कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू, डीपीएम आनंद प्रकाश और आमंत्रित मुखियाओं द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ की गई। कार्यशाला के दौरान पंचायत क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मुखियाओं को सम्मानित भी किया गया। वहीं, इस मौके पर “प्रोजेक्ट प्राण” (Panchayat Reforms for Achieving Atmanirbharta) का भव्य अनावरण किया गया, जिससे पंचायती व्यवस्था में सुधार की नई राह खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।

महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर

कार्यशाला में जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले मुखियाओं को समय-समय पर प्रशिक्षण मिलना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने जानकारी दी कि सभी निर्वाचित महिला मुखियाओं को प्रमंडलीय स्तर पर देवघर के जसीडीह प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि पंचायत राज विभाग इस समय कुल नौ थीम पर काम कर रहा है, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और जल प्रबंधन जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।

उपायुक्त ने दिया महिलाओं को नेतृत्व का संदेश

उपायुक्त मनीष कुमार ने कार्यशाला में बताया कि ग्राम पंचायत राजपोखर एवं प्रखंड पाकुड़िया को उत्क्रांति सूचकांक 1.0 में सम्मान मिला है। उन्होंने कहा, “इस कार्यशाला का मूल उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की सक्रिय और निर्णायक भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि जब महिला सशक्त होती है, तभी समाज सशक्त और प्रगतिशील बनता है। स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी से शासन प्रणाली न केवल अधिक प्रभावी होती है, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचता है। कार्यशाला के अंत में महिला प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और पंचायतों में अपने कार्यों की चुनौतियों व सफलताओं पर चर्चा की।

पंचायतों में बदलाव की बयार

प्रोजेक्ट “बदलाव” के बैनर तले आयोजित इस कार्यशाला ने यह संकेत दे दिया है कि अब ग्राम पंचायतों में नेतृत्व की बागडोर महिलाओं के हाथ में और मजबूती से होगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह कदम पंचायत स्तर पर बुनियादी ढांचे को नया आयाम देने वाला माना जा रहा है।

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