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October 28, 2025 3:04 pm

चैत्र नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा धूमधाम से की गई, देर रात संधिपूजा।

चैत्र नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को हुई महागौरी की पूजा । दुर्गाष्टमी के अवसर पर विभिन्न मंदिर व पंडालों में हुई महागौरी की पूजा । चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है । ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा से ग्रहों से शांति मिलती है । मां की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष शांत होता है ।दुर्गा सप्तशती के पाठ से राहु-केतु की अशुभता कम होती है और नवरात्रि के नौ दिनों में उपवास रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है । दुर्गा सप्तशती का पाठ जीवन में शांति और सौभाग्य को बढ़ाता है । आठवें रूप महागौरी की पूजा धूमधाम से की गई। इस दौरान छोटी अलीगंज चैती दुर्गा मंदिर ,राज हाई स्कूल दुर्गा मंदिर,मालगोदाम रोड पूजा पंडाल में जाकर श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया, वहीं घरों में रात भर जागरण कर रात्रि 11:30 से संधि पूजा होगा । पुरोहित नित्य गोपाल चक्रवर्ती ने बताया कि अष्ठमी के दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए ही महागौरी स्वरूप में जन्म लिया था। इस जन्म में उन्हें कई वर्षों तक कठोर तप करना पड़ा था। तप से मां पार्वती का रंग काला पड़ गया था। इसी तप के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए और गंगा के पवित्र जल से उन्हें स्नान कराया। जिससे मां का रंग अत्यंत गोरा हो गया और उनका यह स्वरूप महागौरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। मां का यह रूप बेहद निर्मल और शांत होता है। जिनका वाहन वृषभ है। संधिपूजा के साथ ही महानवमी प्रवेश कर जाता है ऐसे में मां सिद्धिदात्री की पूजा रविवार को नवमी तिथि पर मां दुर्गा के नौवें स्वरूप यानि मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी । मां सिद्धिदात्री का शाब्दिक अर्थ है सिद्धि देने वाली। अष्टमी की रात्रि व्रत रखने वाले श्रद्धालु कलश की स्थापना करते हैं तथा पूरी रात जागरण कर भोर में नवमी तिथि में मां भगवती की विदाई करते हैं। इसमें कन्यापूजन को विशेष फलदाई माना गया है। अष्टमी से लेकर दसवीं तक आयोजन किया गया है । नमी को महाप्रसाद का विवरण किया जाएगा ।

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