बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, स्वच्छता अभियान मज़ाक बनकर रह गया
सदर प्रखंड : स्वच्छ भारत मिशन की हकीकत जाननी हो तो सदर प्रखंड के हरिनडांगा पूर्वी विद्यालय के सामने का नज़ारा देखिए, लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी स्कूल के मुख्य द्वार के पास गंदगी का अंबार पसरा रहा। कचरे के ढेर में जानवर मुंह मारते नजर आए, तो वहीं उसी माहौल में नौनिहाल पढ़ाई करने को मजबूर दिखे। जिस स्थान पर सफाई की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, वहीँ गंदगी की भरमार। स्कूल के सामने जमा कूड़े-कचरे से उठती दुर्गंध न केवल बच्चों की पढ़ाई में बाधा बन रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के इन दिनों में गंदगी महामारी को न्यौता दे सकती है, इसके बावजूद नगर परिषद आंखें मूंदे बैठा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले ही साफ-सफाई को लेकर निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन ज़मीनी हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। बदबूदार माहौल में बच्चों का दम घुट रहा है, कई बच्चे उल्टी-दस्त और बुखार जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्थानीय अभिभावकों और ग्रामीणों में नगर परिषद की इस लापरवाही को लेकर गुस्सा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को जब तक कोई बड़ी घटना नहीं होती, तब तक जागने की आदत पड़ गई है।
क्या यही है ‘स्वच्छता का दावा’?
प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को जमीन पर मज़ाक बना रही है नगर परिषद की ये उदासीनता। स्कूल जैसे संवेदनशील स्थान पर कचरे का ढेर प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
