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December 22, 2025 4:25 am

कड़ाके की ठंड में मानवता की मिसाल बनीं पलामू की प्रथम महापौर अरुणा शंकर।

निजी खर्चे से जलवाए अलाव। सैकड़ों जरूरतमंदों के बीच बांटे कंबल।

संजय कुमार गुप्ता


पलामू। जिले में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। रात के तापमान में लगातार गिरावट के कारण सबसे अधिक परेशानी गरीब, असहाय, फुटपाथ पर रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक और बुजुर्गों को झेलनी पड़ रही है। ऐसे कठिन समय में पलामू जिले की प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए जरूरतमंदों के लिए आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाया है।

प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने अपने निजी खर्चे से जिला मुख्यालय के दर्जनों प्रमुख चौक-चौराहों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के आसपास, अस्पताल परिसर, बाजार क्षेत्र और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अलाव की व्यवस्था कराई। देर रात और अहले सुबह तक जल रहे अलाव से ठंड से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिली। अलाव के पास जुटे लोगों ने महापौर के इस प्रयास की खुले दिल से प्रशंसा की।

इसके साथ ही उन्होंने शहर और आसपास के इलाकों में सैकड़ों गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के बीच गर्म कंबलों का वितरण किया। कंबल पाकर ठंड से कांप रहे लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। कई बुजुर्गों और महिलाओं ने भावुक होकर कहा कि इस ठंड में कंबल उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने कहा कि राजनीति केवल पद और प्रतिष्ठा का माध्यम नहीं, बल्कि यह सेवा, संवेदना और जिम्मेदारी का नाम है। उन्होंने कहा, “आज के समय में कुछ लोग राजनीति को व्यवसाय की तरह देखते हैं, लेकिन मैं इसे जनसेवा का माध्यम मानती हूं। जब मैंने राजनीति में कदम रखा था, तभी यह संकल्प लिया था कि हर परिस्थिति में जनता के सुख-दुख में भागीदार बनूंगी।”

उन्होंने आगे कहा कि समाज सेवा की भावना उन्हें अपने परिवार से मिली है। उनका परिवार शुरू से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहा है और गरीबों, असहायों तथा जरूरतमंदों की मदद करता आया है। “मेरे परिवार ने हमेशा सिखाया कि यदि ईश्वर ने हमें कुछ देने की क्षमता दी है, तो उसका उपयोग समाज के कमजोर वर्ग के लिए होना चाहिए,” उन्होंने कहा।

प्रथम महापौर ने यह भी कहा कि ठंड के मौसम में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक सहभागिता भी जरूरी है। उन्होंने समाज के सक्षम और संपन्न वर्ग से अपील की कि वे आगे आकर गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करें, ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड के कारण असहाय महसूस न करे। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी ठंड के मौसम में राहत कार्य लगातार जारी रहेंगे।

इस मौके पर कई सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि और नागरिक भी मौजूद थे। सभी ने प्रथम महापौर के इस मानवीय प्रयास की जमकर सराहना की। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के कार्य न केवल जरूरतमंदों को राहत पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में आपसी सहयोग और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करते हैं।

कुल मिलाकर, कड़ाके की ठंड के बीच प्रथम महापौर अरुणा शंकर द्वारा किए गए अलाव और कंबल वितरण जैसे सेवा कार्यों से पलामू जिला मुख्यालय में गरीबों और असहायों को बड़ी राहत मिली है। यह पहल जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है और यह संदेश देती है कि राजनीति यदि सेवा भाव से की जाए, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है।

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