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October 14, 2025 2:52 am

नवरात्रि की तैयारियाँ पूरी, सोमवार को होगी कलश स्थापना।

राजकुमार भगत

पाकुड़। हिंदुओं के प्रमुख पर्व नवरात्रि की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से प्रारंभ हो रही है। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विनी मास में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं, जिनमें अश्विनी मास की शारदीय नवरात्रि विशेष महत्व रखती है। सनातन मान्यताओं के अनुसार उदय काल में शुरू होने वाली तिथि ही शुभ मानी जाती है।।पहले दिन सुबह 6:09 बजे अथवा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 बजे घाट की स्थापना होगी। प्रथम दिवस पर शुक्ल पक्ष और ब्रह्म योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जिनमें पूजा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है। घट स्थापना के दौरान पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ कर गोबर से शुद्ध किया जाएगा। साधक स्नान एवं ध्यान के बाद गुरु स्मरण करते हुए उत्तर या पूर्व दिशा में बैठकर गंगा जल से शुद्धिकरण करेगा। स्वास्तिक दीप जलाएंगे और मिट्टी, बालू तथा सात प्रकार की मिट्टियों से छोटा चबूतरा बनाएंगे। कलश को साफ कर स्वास्तिक चिन्हित किया जाएगा और सिंदूर, युग्म वस्त्र, मौली तथा सात प्रकार के अनाज रखकर उसमें शुद्ध जल, चंदन, फूल, सुपारी, पान, सिक्का और अन्य सामग्री डाली जाएगी। इसके बाद पांच पत्तों वाले आम पल्लव और मिट्टी के पात्र में चावल भरकर कलश पर नारियल या डाभ रखकर लाल कपड़े में लपेटा जाएगा। सभी कार्य मंत्र उच्चारण और श्रद्धा भाव के साथ किए जाएंगे। पूजा में वरुण आदि देवताओं का आह्वान, पंचोपचार पूजन, श्री गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा और मां शैलपुत्री की अर्चना शामिल है। पाकुड़ के विभिन्न मंदिरों और घाटों में आज से भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। श्रद्धालु पूरे विधि-विधान के साथ कलश स्थापना और नवरात्रि की पूजा-अर्चना में हिस्सा लेंगे।

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