कुजू। बाल विद्या मंदिर के प्राचार्य रंजीत कुमार सिंह ने महिला समानता दिवस के अवसर पर अपने विचार जीडी न्यूज़ से साझा करते हुए कहा कि महिला समानता दिवस हर साल 26 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को समान अधिकार और अवसर दिलाने की दिशा में हुए संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता रहा है।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में यह प्रेरणादायक दिवस मनाया गया था। 26 अगस्त 1920 को अमेरिकी संविधान में 19वां संशोधन पारित हुआ, जिससे महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसी उपलक्ष्य में यह दिन शुरू हुआ। 1971 में अमेरिकी कांग्रेस ने इसे आधिकारिक रूप से “Women’s Equality Day” घोषित किया। श्री सिंह ने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को समान वेतन, समान अधिकार, शिक्षा, कार्यस्थल पर बराबरी, और नेतृत्व में भागीदारी जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाना रहा है साथ ही लिंग भेदभाव को समाप्त करना एवं महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। वहीं
भारत में भी महिला समानता को लेकर कई पहल की गई हैं जैसे कि-
1.बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान
2.महिला आरक्षण विधेयक (हालिया पारित – 33% आरक्षण
3.कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा का कानून
उन्होंने अंत में कहा कि हमें महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा और सेमिनार आयोजित करना चाहिए। स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। सोशल मीडिया पर महिलाओं की उपलब्धियों को साझा करना। महिलाओं को सशक्त बनाने वाली योजनाओं की जानकारी फैलाना चाहिए ताकि इस दिन का वास्तविक अर्थ सामने आए।
