प्रकृति की रक्षा का संदेश देता है सोहराय पर्व : निदेशक।
सतनाम सिंह
पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्राकृतिक पर्व सोहराय पूरे उल्लास पूर्ण माहौल में मनाया गया। सोहराय पर्व के तहत आदिवासी पुरोहित नाइकी एवं गुड़ित ने परंपरिक रीति-रिवाज के साथ पूजा अर्चना की। वही पूजा अर्चना के बाद पर्व में शामिल हुए पाकुड़ पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ० ऋषिकेश गोस्वामी एवं मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्रा मंदार की थाप पर जमकर थिरके । वही मौके पर ऑनलाइन जुड़ कर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए निदेशक आमिया रंजन बड़ाजेना ने कहा कि “प्राकृतिक पर्व के रूप में मनाए जाने वाला सोहराय पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने का संदेश देती है। यह एक तरह से प्राकृति की ही पूजा है। हमारी प्रकृति तभी बचेगी जब हम इसका संरक्षण करेंगे । प्रकृति के संरक्षण के लिए शिक्षा का काफी महत्व होता है । हम शिक्षित होंगे तभी प्रकृति के महत्व को समझेंगे और इसके संरक्षण पर बल देंगे । हमें अपने परंपराओं का हमेशा आदर करना चाहिए। अभिजीत कुमार ने कहा कि सोहराय पर्व मनाए जाने का मुख्य मकसद है प्रकृति से हमारा जुड़ाव बना रहे। पर्व के मौके पर हमें प्रकृति की रक्षा का प्रण करना होगा तभी प्रकृति का संरक्षण हो सकता है।” मौके पर मौजूद प्राचार्य डॉ गोस्वामी ने कहा कि आदिवासी समुदाय हमेशा से ही प्रकृति की रक्षा करते आ रहे हैं और प्रकृति के रक्षा के लिए ही सोहराय पर्व मनाने की परंपरा समाज में कायम हुई है । उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज प्राकृतिक को बचाने और उनका संरक्षण करने को लेकर ही सोहराय पर्व मनाने की शुरुआत संभवत किया होगा ।हमें अपने पूर्वजों के द्वारा प्रारंभ किए गए इस परंपरा को निभाने के लिए हर समय तत्पर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले पीढ़ी को प्रकृति के रक्षा का संदेश देना होगा साथ ही उन्हें शिक्षित भी बनाना होगा ताकि वे प्रकृति के रक्षा के बाबत लोगों को जागरुक कर सके। कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक अमित रंजन, सभी शिक्षकगण एवं छात्र/छात्राएं शामिल हुए।
