सड़क पर जलजमाव से स्कूल जाने वाले बच्चों की जान जोखिम में
ज्ञापन के बाद भी नहीं सुधरी सड़क, ग्रामीणों ने चेताया आंदोलन का रास्ता
पाकुड़: झारखंड को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली पाकुड़-राजग्राम अंतरराज्यीय मुख्य सड़क की हालत इन दिनों बेहद दयनीय हो चुकी है। यह सड़क प्रगतिशील पाकुड़ का उल्टा अब विकास की राह नहीं, बल्कि मुसीबत और जोखिम का रास्ता बन चुकी है। बारिश के चलते कई हिस्सों में सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई है। गड्ढों में भरे पानी ने सड़क को पहचानना भी मुश्किल कर दिया है।स्थानीय निवासियों और दैनिक यात्रियों का कहना है कि यह सड़क दो राज्यों को जोड़ने वाली अहम कड़ी है, लेकिन इसकी अनदेखी लंबे समय से हो रही है। मालवाहक वाहनों, स्कूल बसों और एंबुलेंस तक को यहां से गुजरना चुनौती बन गया है। पानी से लबालब भरे गड्ढे दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं, जबकि सड़क किनारे बसे लोग हर दिन जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं।इस सड़क का एक भाग (पीपलझोड़ी मोड़ से चेंगाडांगा मोड़ तक) की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि यह अब आम जनता के लिए खतरा बन चुकी है। जगह-जगह गड्ढों और जलजमाव से यह अंतरराज्यीय सड़क वाहन चालकों के साथ पैदल चलने वालों के लिए भी असुरक्षित हो गई है।लगातार बारिश से सड़क की स्थिति और भी खराब हो गई है। सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिनमें बारिश का पानी भरने से दुर्घटनाओं का खतरा और अधिक बढ़ गया है। खासकर नवीनगर व पाकुड़ के विभिन्न स्कूल जाने वाले बच्चों और ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन सौंप ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
पीपलझोड़ी, चेंगाडांगा और आसपास के ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को लेकर माननीय उपायुक्त, पाकुड़ को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने सड़क की दुर्दशा, ओवरलोडेड चिप्स लदा वाहनों की आवाजाही , स्टोन चिप्स उद्योगों की अनियंत्रित गतिविधियों के कारण हो रही क्षति पर गंभीर चिंता जताई है।ग्रामीणों ने कई मांग रखें है जिसमें सड़क की शीघ्र मरम्मत और वैकल्पिक यातायात व्यवस्था की जाए।क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाई जाए।जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के साथ बैठक कर स्थायी समाधान निकाला जाए।बता दें कि यह सड़क अब भी ‘वारंटी पीरियड’ में है, बावजूद इसके मरम्मत नहीं की जा रही है, जो साफ दर्शाता है कि ठेकेदार और प्रशासन के बीच मिलीभगत या लापरवाही का खेल चल रहा है।

