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परमजीत कुमार/देवघर. माना जाता है कि अगर आप भगवान शिव को सच्चे मन से जलार्पण करते हैं या पूजा करते हैं तो आपकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है, क्योंकि भगवान भोलेनाथ बहुत ही भोले होते हैं वो अपने भक्तों की जल्दी सुनते हैं. प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. वहीं हिन्दू धर्म में प्रदोष का दिन खास माना गया है, क्योंकि ये दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को प्रदोष पड़ता है. आइए देवघर के ज्योतिषआचार्य से जानते हैं कि नवंबर महीने की किस तारीख को आखरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. एक कृष्णपक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. वहीं नवंबर महीने का आखरी प्रदोष व्रत 24 तारीख को रखा जाएगा. इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की प्रदोष काल में पुजा करते हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखकर पूजन करने से विशेष कृपा बरसती है.
क्या है शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 24 नवंबर शुक्रवार को शाम के 06 बजकर 22 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन यानी 25 नवंबर दिन शनिवार को दोपहर के 03 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है. क्योंकि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा होती है. इसलिए 24 नवंबर को ही प्रदोष का व्रत रखा जाएगा.
इस विधि से करें पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान कर भगवान भोलेनाथ के सामने दीप प्रचलित कर प्रदोष व्रत का संकल्प लें. संध्या के समय प्रदोष काल में पूजा आरंभ करें. शिवलिंग के ऊपर गंगाजल, दूध, शहद आदि अर्पण करें. इसके साथ ही राम नाम लिखा बेलपत्र और शनि पत्र जरूर अर्पण करें. विशेष कर प्रदोष व्रत के दिन अनिल का फूल भगवान शिव के ऊपर अर्पण करना चाहिए. फिर विधि पूर्वक भगवान की पूजन करें और आरती उतारें.
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FIRST PUBLISHED : November 23, 2023, 17:49 IST
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