24 घंटे का निर्जला व्रत रख पति की लंबी उम्र की कामना।
पाकुड़। भाद्रपद मास की तृतीया तिथि पर मंगलवार को जिलेभर में हरितालिका तीज व्रत धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। तड़के से ही शहर और ग्रामीण इलाकों के शिवालयों में सुहागिन महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हरे और लाल रंग की साड़ियों में सजी, सोलह शृंगार से सुसज्जित महिलाओं ने भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की पूजा कर पति की लंबी उम्र, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और रिश्तों में मधुरता की कामना की। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत परंपरा भाद्रपद तृतीया को निभाई जाती है। सुहागिन महिलाओं ने स्नान-ध्यान के बाद घरों और शिवालयों में मिट्टी की मूर्तियां स्थापित कर फल-फूल, सोलह शृंगार की सामग्री, धूप-दीप और चंदन से पूजन किया। व्रतधारिणियों ने हरितालिका व्रत कथा सुनकर पूजा को पूर्ण किया, क्योंकि मान्यता है कि कथा के बिना व्रत अधूरा रहता है। व्रत रखने वाली महिलाएं और कुमारी कन्याएं 24 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं। बुधवार सूर्योदय के बाद जल या जूस ग्रहण कर व्रत खोलेंगी। श्रद्धा, भक्ति और आस्था से सराबोर इस अवसर पर शिवालयों का माहौल हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा।

