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July 7, 2025 4:31 pm

325 वर्षों की परंपरा आज भी कायम, उल्टा रथ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

रथ यात्रा, बंगाल-बिहार-झारखंड से पहुंचे हजारों श्रद्धालु, की पूजा अर्चना

राजकुमार भगत

पाकुड़। आषाढ़ शुक्ल पक्ष दशमी को मनाया जाने वाला उल्टा रथ आज पारंपरिक उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह करीब 10:30 बजे राजबाड़ी स्थित ऐतिहासिक मंदिर में मदन मोहन और राधा रानी की पूजा-अर्चना पंडित भारत भूषण के नेतृत्व में किया गया । तत्पश्चात रथ यात्रा निकाली गई। यह वही पावन दिन होता है जब ठाकुर जी अपनी मौसी घर से लौटकार अपनी निज धाम में प्रवेश करते हैं। पूर्व की भांति राजपरिवार द्वारा लगभग 325 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा में शामिल होते हैं। बंगाल, बिहार और झारखंड के कोने-कोने से भक्त पाकुड़ पहुंचते हैं और रथ पर सवार मदन मोहन की पूजा करते हैं । रथ खींचने का पुण्य लाभ लेते हैं। रथ यात्रा के साथ भव्य मेला भी लगता है, जिसमें श्रद्धा और संस्कृति दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। मंदिर परिसर और मेला स्थल पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है । राजबाड़ी के पुजारी ने बताया कि “यह परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। राजपरिवार इस अनूठे उत्सव को पीढ़ियों से निभा रहा है।
रथ यात्रा के दौरान चौक चौराहों पर पुलिस पूरी तरह से चौकस रही। रथ यात्रा के साथ चल रहे पुलिस पदाधिकारी एवं जवान पूरी तरह सक्रिय दिखे एवं एक बदमाश को भी धर दबोचा।

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