बीडीओ ने दिए जांच के आदेश
हिरणपुर (पाकुड़): महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार की उम्मीदों को उस वक्त करारा झटका लगा जब हिरणपुर प्रखंड के डांगापाड़ा गांव में संचालित गेंदा महिला समूह में करोड़ों नहीं, पर लाखों की लूट सामने आई। आरोप है कि जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) से जुड़े कर्मियों और समूह कोषाध्यक्ष की मिलीभगत से समूह के फंड से भारी गड़बड़ी की गई है। स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि समूह कोषाध्यक्ष द्वारा बिना किसी महिला सदस्य की उपस्थिति और सहमति के फर्जी हस्ताक्षर कर सीसी लोन की राशि निकाली गई, और मनमानी तरीके से 2-3 महिलाओं को बाँट दी गई। इससे न सिर्फ पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं, बल्कि समूह में जुड़ी तमाम महिलाएं आर्थिक और मानसिक रूप से ठगी महसूस कर रही हैं।
कैसे होता है सीसी लोन?
सीसी लोन (कैश क्रेडिट) समूह की सामूहिक सहमति और पारदर्शी प्रक्रिया से स्वीकृत होता है, ताकि जरूरतमंद महिला सदस्य स्वरोजगार के लिए पूंजी जुटा सके। परंतु इस मामले में किसी तरह की सामूहिक सहमति नहीं ली गई और समूह की पूरी व्यवस्था को ताक पर रखकर मनमानी की गई।
बीडीओ ने दिए जांच के निर्देश
इस गंभीर मामले पर हिरणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी टूटू दिलीप ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। जांच कर दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्नों के घेरे में जेएसएलपीएस की निगरानी प्रणाली
यह मामला सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं हो सकता। जिस तरह से बिना महिला सदस्यों की जानकारी और दस्तावेजी सहमति के पैसे निकाले गए हैं, यह संपूर्ण निगरानी तंत्र की विफलता को दर्शाता है। यदि यह प्रथा चलन में है, तो अन्य गांवों में भी ऐसे घोटालों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।