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September 13, 2025 4:11 pm

जनजाति सुरक्षा मंच ने किया विश्व आदिवासी दिवस का विरोध।

राहुल दास

हिरणपुर (पाकुड़): जनजाति सुरक्षा मंच ने विष आदिवासी दिवस को लेकर विरोध जताया है। शनिवार को हिरणपुर में जानकारी देते हुए मंच के संथालपरगना प्रांत संयोजक सुलेमान मुर्मू ने कहा कि भारत के जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता नो अगस्त को आहूत आदिवासी दिवस को नही मानता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा हमे थोपा गया है। स्पेन देश के कोलम्बस जब वर्ष 1493 को भारत की खोज में निकले थे । इस दौरान म्यांमार देश पहुंचे थे। जहां की आदिवासियों की रहनसहन भारत के जैसा पाया था। जब 1993 में अमेरिका के राष्ट्रपति हिलेरी क्लिंटन बने , उन्होंने कोलम्बस डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया था , जिसका संयुक्त राष्ट्र संघ ने विरोध जताया था। यूएनए में वर्ष 1995 में विश्व आदिवासी दिवस को लेकर मंजूरी दी गई थी व 2007 में सभी देशों की हस्ताक्षर के साथ घोषणा भी किया गया था। पर भारत आदिवासी हित को लेकर निहित संविधान के अनुच्छेद 342 में उल्लेख रहने के कारण इस दिवस को तत्कालीन राजनेताओं ने नही माना । प्रांत संयोजक ने आगे कहा कि पश्चिमी सभ्यता व संस्कृति को हमे थोपने का प्रयास किया जा रहा था। वर्ष 2021 से केंद्र सरकार के द्वारा गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिससे कि देश के आदिवासी सभ्यता व संस्कृति अक्षुण्ण रह सके। देश की स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी महापुरुषों न जान न्योछावर कर दिया। वही मरांग बुरु , मांझी थान आदि धर्म रक्षा को लेकर हमेशा आगे रहे।

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