Search

December 22, 2025 4:25 am

सिंधी समाज की धर्मशाला भूमि पर कब्जे की कोशिश, एकपक्षीय नापी कराए जाने से हंगामा।

समाज के विरोध पर प्रशासन पहुंचा, जांच पड़ताल शुरू।

पाकुड़ शहर में जमीन माफिया की सक्रियता एक बार फिर उजागर हुई है। बुधवार सुबह सिंधीपाड़ा में स्थित सिंधी समाज की धर्मशाला भूमि पर कथित फर्जी कागजात के आधार पर कब्जे की कोशिश का मामला सामने आया। समाज के लोगों ने विरोध कर नापी रुकवा दी। सूचना मिलते ही अंचल अधिकारी और नगर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।जमीन की वैधता को स्पष्ट करने के लिए उल्लेखनीय है कि यह मौजा-पाकुड़ के खाता संख्या 595 के अंतर्गत तीन दागों वाली भूमि है जिसका दाग सं. 2552, रकवा 154.949 डिसमील,दाग सं. 2550, रकवा 78.01 डिसमील एवं दाग सं. 2548, रकवा 38.01 डिसमील, सिंधी समाज के पास इस भूमि के सभी मूल कागजात सुरक्षित हैं।

70 साल पुरानी दान की जमीन पर नजरें

स्थानीय लोगों के अनुसार यह जमीन लगभग 70 वर्ष पूर्व सेठ हिरदूमल द्वारा सिंधी समाज को दान स्वरूप दी गई थी। जमीन पर समाज ने अपने स्तर से चंदा इकट्ठा कर सर्वधर्मशाला का निर्माण कराया, जहाँ वर्षों से पूजा-पाठ, शादी-ब्याह और अन्य सामाजिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। समाज का कहना है कि भूमि से संबंधित सभी मूल कागजात उनके पास सुरक्षित हैं।

नोटिस की तिथि में हेराफेरी कर अमीन पहुंचा नापी कराने

सिंधी समाज के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जमीन पर कब्जे की नीयत से समुदाय के ही एक व्यक्ति ने फर्जी कागजात तैयार कराए, और अंचल कार्यालय के अमीन के साथ मिलकर नापी कराने की कोशिश की। समाज का कहना है कि किसी भी तरह का कोई आधिकारिक नोटिस हम लोगों के पास नहीं है लेकिन इनके पास जो नोटिस है उसमें तिथि में छेड़छाड़ की गई है, सूत्रों की माने तो यह तारीख बदलने वाला खेल सरकारी अमीन के द्वारा की गई है और जबरन 03 दिसंबर 2025 सुबह ही नापी के लिए पहुँच गया। लोगों के अनुसार यह प्रयास स्पष्ट रूप से एकपक्षीय मापी का था।

समाज का विरोध, नापी तत्काल रुकी

जैसे ही स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी हुई, समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुँचे और जोरदार विरोध किया। वातावरण तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद अमीन को नापी रोकनी पड़ी। समाज के प्रतिनिधियों ने तुरंत जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी।

अंचल अधिकारी व थाना प्रभारी पुलिस मौके पर पहुंचे।

सूचना के बाद अंचल अधिकारी और नगर थाना प्रभारी बबलू कुमार पुलिस बल के साथ स्थल पर पहुंचे। जहां सिंधी समाज के लोगों ने अंचल अधिकारी से कहा कि इस जमीन के सारे कागजात जिला प्रशासन और जनता दरबार में प्रस्तुत किए गए है जिसकी एक कॉपी अंचल अधिकारी के पास भी है,समाज के लोगों ने कहा कि जमीन संबंधित सारी जानकारी खत के रूप में झारखंड सरकार,राज्यपाल को भी भेजी गई है, वस्तु स्थिति को जान अंचल अधिकारी ने स्थल पर मौजूद लोगों से कहा—प्रथम दृष्टि में यह जमीन सिंधी समाज की ही है, कागजातों में छेड़छाड़ की आशंका है, कुछ दस्तावेज संदिग्ध लग रहे हैं। मामले की गहन जांच की जाएगी। जांच पूरी होने तक किसी प्रकार का नापी कार्य नहीं होगा।

अमीन की भूमिका भी संदेह के घेरे में

सूत्रों के अनुसार पूरे प्रकरण में सरकारी अमीन की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। नोटिस की तिथि में बदलाव और बिना पूर्व सूचना एकतरफा नापी करने पहुँचना कई सवाल खड़े करता है। समाज ने प्रशासन से अमीन की भूमिका की भी जांच की मांग की है।

समाज में आक्रोश, प्रशासन से निष्पक्ष जांच की उम्मीद

सिंधी समाज के लोगों ने कहा कि वे इस भूमि की 70 वर्षों से देखरेख करते आ रहे हैं। भूमि के दान डीड और उससे जुड़े अन्य दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।समाज का आरोप है कि कुछ जमीन माफिया फर्जी कागजात बनाकर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं।अब मामला जिला प्रशासन के पास है। समाज को उम्मीद है कि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगा।

मामला दर्ज करने को लेकर थाना में आवेदन।

ओम प्रकाश जुमरानी ने नगर थाना में लिखित आवेदन देकर 7 नामजद एवं लगभग 20 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ
जानलेवा हमला, अवैध कब्जे की कोशिश, और घेराबंदी करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की है। जुमरानी ने यह भी उल्लेख किया है कि इनमें से कई व्यक्ति पूर्व से ही उन्हें जान से मारने की धमकी देने के मामले में नामजद हैं।

अब मामला जिला प्रशासन के पास

मामला अब जिला प्रशासन के संज्ञान में है। समाज को उम्मीद है कि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर इस प्रकार की जमीन माफियागिरी पर रोक लगाएगा।

img 20251203 wa00411331794136278413024
img 20251203 wa00428401109153841709692

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर