📍 नई दिल्ली | दिनांक: 21 जुलाई 2025
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया जब संसद का मानसून सत्र उसी दिन से शुरू हुआ था। इस्तीफे की घोषणा ने न केवल सियासी हलचल तेज कर दी, बल्कि संवैधानिक प्रक्रियाओं को भी झकझोर दिया।
🕰 कब और कैसे दिया इस्तीफा?
धनखड़ ने 21 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा और अनुरोध किया कि यह तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाए। यह इस्तीफा संसद सत्र के पहले ही दिन आया, जब सामान्यतः उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यवाही का संचालन करते हैं।
जैसे ही यह जानकारी सार्वजनिक हुई, देशभर के मीडिया प्लेटफार्मों और सोशल मीडिया पर खबर तेजी से फैल गई और यह राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया।
📄 इस्तीफे के पत्र में क्या लिखा?
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा:
“स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह को ध्यान में रखते हुए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।”
इसी पत्र में उन्होंने यह भी कहा:
“इस पद पर रहते हुए देश की सेवा करना मेरे लिए अत्यंत गौरव की बात रही है। मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और संसद के सभी सदस्यों का सहयोग व विश्वास के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूं।”
उनका पत्र भावनात्मक था, जिसमें उन्होंने यह संकेत दिया कि अब स्वास्थ्य संबंधी सीमाएं उनके कर्तव्यों को निभाने में बाधा बन रही हैं।
❓ केवल स्वास्थ्य कारण या कुछ और?
यद्यपि इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया गया है, लेकिन इसकी टाइमिंग और पृष्ठभूमि को देखते हुए कई तरह के सवाल उठे हैं:
- इस्तीफा मानसून सत्र की शुरुआत के दिन आया, जो एक असामान्य समय माना जा रहा है।
- धनखड़ और केंद्र सरकार के बीच पिछले कुछ महीनों में नीतिगत मतभेदों की अटकलें लगती रही थीं।
- विपक्ष के नेताओं ने भी इसे “सिर्फ स्वास्थ्य का मामला नहीं” बताया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा —
“जितना दिखता है, मामला उतना ही नहीं है। कुछ और भी है जो सामने आना बाकी है।”
🏛 अब क्या होगा?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया है। संविधान के अनुसार:
- राज्यसभा की कार्यवाही अब उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की अध्यक्षता में चलेगी।
- निर्वाचन आयोग नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करेगा।
🧑⚖️ जगदीप धनखड़ का संक्षिप्त परिचय
- जन्म: 18 मई 1951, झुंझुनू, राजस्थान
- शिक्षा: विज्ञान स्नातक, फिर विधि की पढ़ाई
- पेशा: वकील, किसान और सामाजिक कार्यकर्ता
- पूर्व सांसद, केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
- वर्ष 2022 में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए
- कार्यकाल: 11 अगस्त 2022 से 21 जुलाई 2025
धनखड़ अपने स्पष्ट विचारों, संविधान की व्याख्या और अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए जाने जाते थे। कई बार उन्होंने राज्यसभा में निष्पक्ष और निर्भीक भूमिका निभाई, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय रही।
