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बॉलीवुड ठिकाना के साथ खास बातचीत में दीपक तिजोरी ने कहा, ‘मैंने एक फिल्म देखी, ए किस बिफोर डाइंग, और उन्हें एक कहानी सुनाई. उस समय, यह इसी तरह काम करता था, कॉपीराइट की कोई अवधारणा नहीं थी, स्टूडियो सिस्टम चलन में नहीं आया था. इसलिए, अधिकांश फिल्में हॉलीवुड फिल्मों से प्रेरित थीं, तो मैंने अब्बास मस्तान से कहा कि यह एक खलनायक की भूमिका है जो मैं करूंगा और वे अन्य नायकों और अन्य भूमिकाओं को कास्ट कर सकते हैं. वे सहमत हुए. फिर खिलाड़ी रिलीज़ हुई, उसके बाद जो जीता वो सिकंदर. अब डिस्ट्रीब्यूशन सर्कल के लोग मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे मैं प्रगति कर रहा हूं और जल्द ही मैं हीरो बन जाऊंगा.’
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