राजकुमार भगत
पाकुड़ । रविवार, स्थानीय विद्यालय डी ए वी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जन्मोत्सव बहुत धूम धाम से मनाई गई। कार्यक्रम के शुरुआत में विद्यालय प्राचार्य श्री आशीष कुमार मंडल, वरिष्ठ शिक्षक श्री संजीव कुमार मिश्रा एवं अन्य शिक्षक गण तथा बच्चों द्वारा स्वामी जी के प्रतिमा पर तिलक एवं माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। तत्पश्चात विद्यालय के परंपरागत प्रथा वैदिक हवन का कार्यक्रम किया गया जिसमे विद्यालय प्राचार्य के साथ सभी शिक्षक गण एवं बच्चों ने भाग लिया। इस पावन उपलक्ष्य में विद्यालय के संगीत शिक्षिका द्वारा स्वामीजी को समर्पित एक भजन प्रस्तुत किया गया। अपने संबोधन में प्राचार्य श्री आशीष कुमार मंडल ने बताया कि स्वामीजी ने आर्य समाज की स्थापना सन 1875 में किया जिसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुधार और शिक्षा पर जोर देना एवं सांस्कृतिक सामाजिक जागरूकता का प्रसार करना है। उन्होंने कर्म सिद्धांत , पुनर्जन्म तथा सन्यास को अपने दर्शन का स्तंभ बनाया। उन्होंने ही 1876 में स्वराज का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। 1857 की क्रांति में भी स्वामीजी ने अपना अमूल्य योगदान दिया। अंग्रेजी हुकूमत से उन्होंने जमकर लोहा लिया और उनके खिलाफ षडयंत्र के चलते 30 अक्टूबर 1883 को उनकी मृत्यु हो गई।शांति पाठ के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गई।