स्वराज सिंह
शनिवार को शहर के भगतपाड़ा से लेकर उपायुक्त आवास तक बड़ी एवं छोटे वाहन टोटो, कार व मोटरसाइकिलों की लाबी कतार लग गई।वहीं इन दोनो जगहों के बीच शहर का व्यवहार न्यायालय आता जहां लोगों एवं अधिवक्ताओं को इसका ज्यादा सामना करना पड़ता है।जिससे यह दृश्य साफ नजर आता है की शहरी क्षेत्र में दिन ब दिन यातायात व्यवस्था चरमराती जा रही है। जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामाना उठाना पड़ रहा है। आए दिन सड़कों पर जाम की समस्या लगना आम बात हो गयी है। जाम की समस्या को निजाद दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई खास पहल नहीं की जा रही है। यातायात व्यवस्था को दुरूस्त किए जाने को लेकर कई बार बैठक तो होती है। कई तरह के नियम भी बनाए जाते हैं, परंतु नियमों का पालन जमीनी स्तर पर शायद ही होता है। इन सभी में आम लोगों की भी अहम भूमिका होती है,सभी को घर जाने की इतनी जल्दी रहती है की रॉन्ग वे में जाकर बड़ी वाहनों का रास्ता रोक देते है,जिससे भी जाम कि समस्या होती है।सबसे अधिक जाम की समस्या दो बजे के बाद होती है, जब नो-एंट्री खुलता है। इस दौरान लोगों को सड़क पर चलना काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शहर में पत्थरी, गिट्टी, बालू लदे भारी वाहनों का प्रवेश हो जाता है। इस दौरान बड़ी वाहन चालक लोगों को चलने के लिए साइड तक नहीं देते हैं। कई बार तो भारी वाहन के चालकों के साथ आम लोगों की विवाद भी हो चूकी है। नो एंट्री खुलने के बाद शहर के सड़कों पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस भी न के बराबर दिखाई देती है। प्रत्येक दिन शहर के बीचो बीच पेट्रोल पंप के पास बड़ी वाहनों को जहां-तहां से पार किया जा रहा है।